हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी।
स्पेशल जज अरविंद कुमार ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 जुलाई तय की है। कोर्ट अंतिम रिपोर्ट पर यह तय करेगी कि संज्ञान लिया जाए या नहीं। इस मामले में वीरभद्र सिंह भी आरोपी हैं।
विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा और एन के मट्टा की ओर से दाखिल इस चार्जशीट में तारणी इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक वकमुला चंद्रशेखर और एक अन्य राम प्रकाश भाटिया का नाम भी है। चंद्रशेखर और भाटिया दोनों इस बारे में सीबीआई द्वारा दाखिल मामले में भी आरोपी हैं। इनके साथ वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह तथा अन्य भी आरोपी हैं।
चार्जशीट में 83 वर्षीय वीरभद्र सिंह और उनकी वर्षीय पत्नी प्रतिभा के अलावा यूनिवर्सल एप्पल एसोसिएशन के मालिक चुन्नी लाल चौहान, जीवन बीमा निगम के एजेंट आनंद चौहान और दो अन्य सह-आरोपी प्रेम राज और लावन कुमार रोच का भी नाम है। आनंद चौहान को निदेशालय ने नौ जुलाई 2016 को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में दो जनवरी को उन्हें जमानत दे दी गई। सीबीआई द्वारा दायर एक अन्य मामले में भी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी, आनंद चौहान और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। दोनों ही मामलों में वीर भद्र और पत्नी की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। अन्य आरोपी सीबीआई द्वारा दाखिल मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।