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विपक्ष की VVPAT-EVM का मिलान पहले करने की मांग को चुनाव आयोग ने किया खारिज

  चुनाव आयोग ने बुधवार को हुई बैठक में 22 विपक्षी पार्टियों की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने...
विपक्ष की VVPAT-EVM का मिलान पहले करने की मांग को चुनाव आयोग ने किया खारिज

 

चुनाव आयोग ने बुधवार को हुई बैठक में 22 विपक्षी पार्टियों की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने मतगणना से पहले वीवीपैट के पर्चियों को गिनने की मांग की थी। मंगलवार को देश की  22 मुख्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने चुनाव आयोग के सामने ये मांग रखी कि मतगणना से पहले वीवीपैट के पर्चियों की गिनती हो, पर्ची और ईवीएम में समानता ना होने पर पूरी विधानसभा के वीवीपैट के पर्चियों को गिना जाए। हालांकि अब आयोग ने विपक्षी दलों की मांग को ठुकराकर ये साफ कर दिया है कि वीवीपैट की पर्ची मिलान की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

विपक्षी दलों ने ये मांग भी रखी थी 

इसके साथ ही सभी दलों ने आयोग के सामने देश के तमाम हिस्सों से ईवीएम को लेकर आ रही खबरों पर भी अपनी बात रखी थी। विपक्षी पार्टियों ने आयोग के सामने मांग रखी कि एक विधानसभा में जिन पांच वीवीपीएटी की पर्चियों का मिलान होना है, उन्हें काउंटिंग से पहले गिना जाए।

19 मई रविवार को सातवें और आखिरी चरण की मतगणना हुई थी, जिसके बाद से देशभर के कई हिस्सों से ईवीएम से जुड़ी कई खबरें आईं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियो भी सामने आए। स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए गए। इन सब के आधार पर विपक्षी दलों ने ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका जाहिर की। हालांकि मंगलवार को भी चुनाव आयोग ने इन तमाम आरोपों को नकार दिया। इस बीच नतीजे आने से पहले ईवीएम और वीवीपीएटी के मुद्दे पर कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, तृणमूल कांग्रेस सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग का रुख किया।

विपक्षी दलों ने मंगलवार को बैठक के बाद चुनाव आयोग से की थी शिकायत

19 मई रविवार को आखिरी चरण का मतदान होने के बाद देश के कई हिस्सों से ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए। साथ ही, स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए गए। इन सबके आधार पर विपक्षी दलों ने ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका जाहिर की। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में मंगलवार को विपक्ष की बैठक हुई और चुनाव आयोग से अपनी शिकायत भी की। इस पर चुनाव आयोग ने विपक्ष के हर आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि ईवीएम-वीवीपैट पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

चुनाव आयोग का रुख किया

इस बीच नतीजे आने से पहले ईवीएम और वीवीपीएटी के मुद्दे पर कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, तृणमूल कांग्रेस सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग का रुख किया।

विपक्षी नेताओं की मांग

विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग के सामने ये मांग रखी कि काउंटिंग से पहले वीवीपीएटी के पर्चियों की गिनती हो, पर्ची और ईवीएम में समानता ना होने पर पूरी विधानसभा के वीवीपीएटी के पर्चियों की गिनती की जाए। बैठक के बाद विपक्ष के नेताओं ने दावा किया कि चुनाव आयोग ने कहा है कि मांगों के संबंध में बुधवार (यानि आज) सुबह बैठक करेंगे। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग विपक्षी दलों के नेताओं की इस मांग पर क्या फैसला करता है।

8 बिंदुओं में जानिए अब तक क्या क्या हुआ-

-    लोकसभा चुनाव के दौरान 21 विपक्षी पार्टियों ने हर सीट से 50 फीसदी EVM मशीनों के VVPAT से मिलान की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने इस याचिका को अव्यवहारिक माना। हालांकि आठ अप्रैल को अदालत ने इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा, ‘याचिका में जो मांग की गई है, उससे मौजूदा मिलान प्रक्रिया 125 गुणा बढ़ जाएगी। ये पूरी तरह अव्यवहारिक होगा। लेकिन फिर भी हम इस दलील से सहमत हैं कि चुनाव प्रक्रिया को ज्यादा विश्वसनीय बनाने की कोशिश करनी चाहिए। इसलिए ये आदेश देते हैं कि हर विधानसभा क्षेत्र से पांच  EVM मशीनों का VVPAT की पर्चियों से मिलान करवाया जाए’।

 

-    सुप्रीम कोर्ट के आठ अप्रैल के आदेश पर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी नेताओं ने 24 अप्रैल को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और फैसले पर पुनर्विचार की मांग की। नायडू ने पूर्व में 50 फीसदी ईवीएम का औचक रूप से वीवीपैट के साथ मिलान की मांग की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा की मांग करते हुए कहा कि एक से संख्या बढ़ाकर पांच किया जाना तर्कसंगत संख्या नहीं है और यह इस अदालत द्वारा जाहिर अपेक्षा की पूर्ति नहीं करती।

 

-    सात मई को सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष दलों की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया और कहा, ‘हम नहीं समझते कि आदेश में किसी संशोधन की जरूरत है। इसलिए पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है’।

 

-    19 मई को आए एग्ज़िट पोल के नतीजों के बाद एक बार फिर ईवीएम चर्चा में आया। इस बार विपक्षी दलों ने एग्ज़िट पोल को नकारते हुए कार्यकर्ताओं से अपील की कि वो स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी करें। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी एक ऑडियो जारी कर कार्यकर्ताओं से कहा, 'आपलोग, अफवाहों और एग्जिट पोल से हिम्मत मत हारिए। यह अफवाहें आपका हौसला तोड़ने के लिए फैलाई जा रही है। इस बीच आपकी सावधानी और भी महत्वपूर्ण बन जाती है। स्ट्रॉन्ग रूम और मतगणना केंद्रों पर डटे रहिए और चौकन्ने रहिए।'

 

-    गाजीपुर, कन्नौज, चंदौली और हाजिपुर जैसे जगहों पर ईवीएम में कथित गड़बड़ी होने की आशंका को लेकर विपक्षी पार्टियों को नेताओं और कार्यकर्ताओं ने स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर जमकर हंगामा किया। महागठबंधन के प्रत्याशी अफजाल अंसारी ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए आधी रात को स्ट्रॉन्ग रूम परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए।

 

-    उसी दिन चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों के दावों को खारिज कर दिया। चुनाव आयोग ने कहा, 'गाजीपुर, चंदौली, डुमरियागंज और झांसी में ईवीएम को लेकर जो आरोप लगाए गए वो सही नहीं हैं। जिन ईवीएम का मतदान में इस्तेमाल हुआ है वो पूरी तरह सुरक्षित हैं।‘

 

-    21 मई को सुप्रीम कोर्ट ने चेन्नई के एक गैर सरकारी संगठन ‘टेक फार ऑल’ की ओर से ईवीएम में पड़े वोटों से वीवीपीएटी की 100 प्रतीशत पर्चियों के मिलान को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए जस्टिस अरूण मिश्र ने कहा, ‘हम चीफ जस्टिस के आदेश की अवहेलना नहीं कर सकते हैं। यह बकवास है। यह याचिका खारिज की जाती है।’

 

-    21 मई को 22 विपक्षी दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर चुनाव आयोग से मुलाकात की। मुलाकात में विपक्षी पार्टियों ने वीवीपीएटी की पर्चियों की पहले मिलान की मांग की। इसके साथ ही सभी दलों ने आयोग के सामने देश के तमाम हिस्सों से ईवीएम को लेकर आ रही खबरों को लेकर भी अपनी बात रखी। विपक्षी पार्टियों ने आयोग के सामने मांग रखी कि एक विधानसभा में जिन पांच वीवीपीएटी की पर्चियों का मिलान होना है, उन्हें काउंटिंग से पहले गिना जाए।

 

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