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नाराज संजय निरुपम बोले, कांग्रेस को मुंबई में 3-4 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार को टिकट न दिए जाने से नाराज कांग्रेस नेता संजय...
नाराज संजय निरुपम बोले, कांग्रेस को मुंबई में 3-4 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार को टिकट न दिए जाने से नाराज कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी को मुंबई में केवल तीन-चार सीटें ही मिल सकती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने टिकट वितरण में योग्य लोगों के साथ न्याय नहीं किया और जमीनी स्तर पर फीडबैक लेना बंद कर दिया है। कांग्रेस नेता निरुपम ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ जुड़े लोग साजिश रच रहे हैं। राहुल गांधी के समर्थकों को पार्टी में नजरअंदाज और अलग-थलग किया जा रहा है। ऐसे ही चलते रहा तो मैं लंबे समय तक कांग्रेस में नहीं रह पाऊंगा।

पक्षपाती हो सकते हैं प्रभारी महासचिव

उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में अब जमीनी स्तर पर फीडबैक सिस्टम खत्म हो रहा है, यह पार्टी की बड़ी गलती है। उन्होंने कहा, एआईसीसी के प्रभारी महासचिव का निर्णय अंतिम है। एआईसीसी के महासचिव को शक्तिशाली बना दिया गया है। वह भी पक्षपाती हो सकते हैं। इससे पहले गुरुवार को संजय निरुपम ने घोषणा की थी कि वह 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि नेतृत्व उन्हें दरकिनार कर रहा था, हालांकि उन्होंने चार साल तक मुंबई इकाई के अध्यक्ष के रूप में काम किया था। निरुपम को इस साल लोकसभा चुनावों से पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।

नहीं मानी टिकट वितरण में राय

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए टिकट वितरण के दौरान मेरी राय को नहीं माना गया। मुझे विधानसभा चुनाव प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं दी गई है और न ही मेरे लोकसभा क्षेत्र में टिकट वितरण में भी मेरी राय नहीं ली गई। पूर्व सांसद ने कहा, चार साल मुंबई का अध्यक्ष रहने के बाद भी मेरे लिए कोई सम्मान नहीं है।

वर्सोवा सीट पर सुझाया था नाम

निरुपम ने कहा कि उन्होंने वर्सोवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए पार्टी के उम्मीदवार के रूप में एक नाम सुझाया था, जो मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट का हिस्सा था, जहां से वह मई में 2.6 लाख वोटों के अंतर से हार गए थे और इस पर भी विचार नहीं किया गया था। पार्टी ने बलदेव खोसा का नाम तय किया है जो 2014  के विधानसभा चुनावों में तीसरे नंबर रहे थे और पिछले पांच साल से निष्क्रिय रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने अभियान में इतनी आक्रामक है और हमें ऐसे उम्मीदवारों को चुनने की जरूरत है जो उनकी आक्रामकता का मुकाबला कर सकें। वहीं, कांग्रेस के सूत्रों ने निरुपम के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि खोसा तीन बार के विधायक और लंबे समय तक पार्टी के वफादार रहे।

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