भारतीय जनता पार्टी से छह साल के लिए निकाले गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। आपको बता दें कि ये हरक सिंह की 'घर-वापसी' है। हरक सिंह साल 2016 में हरीश रावत को टारगेट करते हुए कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी। उस समय हरक सिंह रावत सहित नौ बागी विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
मीडिया को दिए अपने एक बयान में हरीश रावत ने कहा था की हरक सिंह ने जो किया था उसके लिए वो माफी मांगे तभी वो कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। जिसपर हरक सिंह ने कहा था कि हरीश रावत मेरे बड़े भाई है, मैं उनसे सौ बार माफी मांगने को तैयार हूं।
हरक सिंह के कांग्रेस में शामिल होते वक्त पूर्व सीएम हरीश रावत भी उनके साथ मौजूद रहे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि इससे बड़ी माफी क्या हो सकती है कि प्रदेश में 10 मार्च को पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनेगी तो मुझे लगेगा कि मैंने माफी मांग ली। उस दिन मुझे सबसे ज़्यादा खुशी होगी। अमित शाह ने कहा था कि दोस्ती नहीं टूटनी चाहिए मैंने अंतिम समय तक दोस्ती नहीं तोड़ी।
हरक सिंह रावत पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगने के बाद भाजपा से निष्कासित किया गया था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन्हें पार्टी से निष्कासित किया था। हरक सिंह के एक करीबी ने एनएनआई को बताया कि वो बहू के टिकट न मिलने से बीजेपी से नाराज थे।
पार्टी से निकालते वक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि हरक सिंह रावत परिवार के सदस्यों को टिकट देने का दबाव बना रहे थे। भाजपा में हरक आए उन्होंने विकास के मामले में जो कहा हमने किया, लेकिन हमारी पार्टी वंशवाद से दूर और विकास के साथ है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के 70 विधानसभा सीटों पर मतदान 14 फरवरी को डाले जाएंगे और नतीजा 10 मार्च को निकलेंगे।