मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि कुछ लोग सरकार गिराने तथा समर्थन वापसी की बात कर रहे हैं तो हम भी मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार हैं। अगर कोई चुनाव थोपना चाहता है तो मुझे भरोसा है कि हम फिर से सरकार बनाएंगे। उधर, मुख्यमंत्री फडणवीस के मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार होने की चुनौती से शिवसेना सकते में है। इस बीच राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनाने के लिए भाजपा सहयोगी शिवसेना को मनाने में जुट गई है। इस सिलसिले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 18 जून को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने उनके घर मातोश्री जाएंगे। इससे पहले शिवसेना ने संघ प्रमुख मोहन भागवत व एनसीपी प्रमुख शरद पवार को राष्ट्रपति बनाने जाने की बात की थी।
किसान आंदोलन के दौरान शिवसेना ने किसानों के समर्थन में सरकार पर जल्द कर्ज माफी की घोषणा करने और बात नहीं मानने पर सरकार से अलग होने की धमकी भी थी। फडणवीस का यह बयान इस धमकी के बाद आया है। कर्जमाफी की घोषणा को किसानों की एकता की जीत बताते हुए उद्धव ने कहा था कि हमारी मांग साफ है। हम किसानों के कर्ज पूरी तरह माफ चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि हमने हरित क्रांति के बारे में सुना था लेकिन किसानों ने यह दिखा दिया है, जो हरित क्रांति कर सकता है वह क्रांति भी कर सकता है।