कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को कहा कि वायनाड के जनप्रतिनिधि के रूप में उनकी पहली यात्रा एक जन सेनानी के रूप में उनकी पहली यात्रा नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, न्याय और संविधान में निहित मूल्यों के लिए लड़ना उनके जीवन का केंद्र है।
वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद वहां के लोगों को लिखे एक खुले पत्र में उन्होंने कहा कि वह उनके साथ मिलकर काम करेंगी और उनकी चुनौतियों का समाधान करने में मदद करेंगी।
13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में उन्हें सांसद के रूप में चुनने के लिए लोगों से आग्रह करते हुए उन्होंने वादा किया कि उनका काम लोगों के साथ उनके रिश्ते को और मजबूत करेगा और वह उनके लिए लड़ने तथा संसद में जिस तरह से वे प्रतिनिधित्व चाहते हैं, उस तरह से उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।
उन्होंने कहा कि इस यात्रा में वायनाड के लोग "मेरे मार्गदर्शक और शिक्षक" होंगे, जो एक जन प्रतिनिधि के रूप में उनकी पहली यात्रा है।
उन्होंने कहा, "आप इस यात्रा में मेरे मार्गदर्शक और शिक्षक होंगे, जो (मुझे आशा है) एक जन प्रतिनिधि के रूप में मेरी पहली यात्रा होगी, लेकिन एक जन-योद्धा के रूप में मेरी पहली यात्रा नहीं होगी!
प्रियंका ने कहा, "लोकतंत्र, न्याय और हमारे संविधान में निहित मूल्यों के लिए लड़ना मेरे जीवन का केंद्र है। मैं आपके समर्थन के साथ हमारे सभी भविष्यों के लिए इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हूं और यदि आप चाहें तो मैं आपकी बहुत आभारी रहूंगी।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, "मुझे अपना सांसद बनाने के लिए आप सभी से निवेदन है।"
प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है, जबकि उनके भाई राहुल गांधी ने यह सीट छोड़ दी है और रायबरेली से ही अपनी सांसदी बरकरार रखी है। बता दें कि 2024 लोकसभा चुनावों में उन्होंने दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा था। उन्होंने 2019 से 2024 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।