कर्नाटक में चल रही राजनीतिक अस्थिरता खत्म होती दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी शुक्रवार को बहुमत परीक्षण का सामना करेंगे। माना जा रहा है इसके बाद सूबे मे मचा सियासी हंगामा काफी हद तक काबू में आ जाएगा। जेडीएस-कांग्रेस-बसपा गठबंधन के नेता कुमारस्वामी ने बुधवार को विपक्ष के दिग्गज नेताओं की उपस्थिति में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बहुमत साबित करने से पहले भाजपा और जेडीएस-कांग्रेस उम्मीदवारों में से कोई एक विधानसभा अध्यक्ष चुना जाएगा।
वहीं भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपने वरिष्ठ नेता और पांच बार के विधायक एस सुरेश कुमार को उतारा है। कांग्रेस के रमेश कुमार ने सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में इस पद के लिए अपना नामांकन भरा। भाजपा उम्मीदवार ने कहा, “संख्या बल और कई अन्य कारकों के आधार पर हमारी पार्टी के नेताओं को विश्वास है कि मैं जीतूंगा। इसी विश्वास के साथ मैंने नामांकन दाखिल किया है।” यह पूछने पर कि भाजपा के केवल 104 विधायक हैं तो ऐसे में उनके जीतने की संभावना क्या है, सुरेश कुमार ने कहा, “मैंने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. कल दोपहर सवा बारह बजे चुनाव है। चुनाव के बाद आपको पता चल जाएगा।”
बता दें कि कांग्रेस के 78 विधायक हैं जबकि कुमारस्वामी की जद (एस) के 36 और बसपा के 1 विधायक हैं। गठबंधन ने केपीजेपी के एकमात्र विधायक और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन का भी दावा किया है।
शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12.15 बजे शुरू होगी। और दोपहर दो बजे मुख्यमंत्री कुमारस्वामी सदन में विश्वास मत प्रस्ताव को पेश करेंगे।