झारखंड सरकार के तहत आने वाले श्री कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के उप निदेशक दीपांकर श्री ज्ञान का चयन महात्मा गांधी की विचारधारा के प्रसार के लिए बनी संस्था के निदेशक पद के लिए किया गया है। वर्ष 2017 में महात्मा गांधी के सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरे होने पर राजग सरकार इसे बड़े पैमाने पर मनाने की योजना बना रही है और पीएमओ चाहता है कि ‘गांधी ब्रांड’ को प्रमोट करने की दिशा में जीएसडीएस बड़ी भूमिका निभाए और इसलिए संस्था के निदेशक की तलाश में तेजी लाई गई। अब अंग्रेजी अखबार का कहना है कि श्री ज्ञान का चयन इस पद के लिए कर लिया गया है बस औपचारिक घोषणा होनी बाकी है।
अखबार की मानें तो इस खबर में सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि श्री ज्ञान पेशे से वकील हैं और पटना हाईकोर्ट में वर्षों तक प्रैक्टिस करते रहे हैं और उनके मुवक्किलों में पेटेंट मामले में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अलावा बिहार झारखंड के बहुचर्चित चारा घोटाले के कई सप्लायर्स भी शामिल रहे हैं। इसके अलावा इसी मामले में उन्होंने झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती का भी कई सालों तक प्रतिनिधित्व किया है। वैसे ज्ञान किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध होने से इनकार करते हैं।