कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने विधान परिषद सदस्य और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। एक दिन पहले ही राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि इससे पहले भाजपा ने मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी की। इस सूची में राज्य के कई दिग्गज बीजेपी नेताओं का नाम नहीं है।
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद लक्ष्मण सावदी ने कहा कि मैंने अपना फैसला कर लिया है। मैं एक स्वाभिमानी नेता हूं, मैं किसी के सामने भीख का कटोरा लेकर नहीं घूमूंगा। इसके साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं किसी के बहकावे में आकर ये काम नहीं कर रहा हूं।
Former Karnataka Deputy CM Laxman Savadi resigns as the Legislative Council member and from the primary membership of the BJP after losing the Athani constituency ticket.
"I have made my decision. I am not the one who goes around with a begging bowl. I am a self-respecting… pic.twitter.com/rkXgxW0Kyf
— ANI (@ANI) April 12, 2023
इससे पहले भाजपा विधान पार्षद (एमएलसी) सावदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैंने निश्चित रूप से एक निर्णय लिया है। मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि वह बृहस्पतिवार शाम को ‘‘कड़ा निर्णय’’ लेंगे और शुक्रवार से काम शुरू कर देंगे। ऐसी अटकलें हैं कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि भाजपा ने मौजूदा विधायक महेश कुमथल्ली को बेलगावी जिले की अथानी विधानसभा सीट से टिकट दिया है। सावदी अथानी से तीन बार विधायक रहे हैं, लेकिन 2018 के चुनाव में वह कुमथल्ली (तब कांग्रेस में) से हार गए थे।
कुमथल्ली उन बागियों के समूह में शामिल थे जिन्होंने 2019 में कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) (जद-एस) गठबंधन की सरकार को गिराने और बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाने में भाजपा की मदद की थी।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने मंगलवार को बीजेपी ने 189 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी। राजधानी दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय से जैसे ही बीजेपी उम्मीदवारों की घोषणा हुई, कर्नाटक में कुछ दिग्गज नेताओं ने लिस्ट अपना नाम नहीं होने पर बगावत शुरू कर दी।