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लोकसभा चुनाव में चला ग्लैमर का जादू, संसद में पहली बार नजर आएंगे ये चेहरे

17वीं लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की सरकार ने शानदार बहुमत के साथ सत्ता में फिर वापसी कर ली है। इस बार...
लोकसभा चुनाव में चला ग्लैमर का जादू, संसद में पहली बार नजर आएंगे ये चेहरे

17वीं लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की सरकार ने शानदार बहुमत के साथ सत्ता में फिर वापसी कर ली है। इस बार की मोदी लहर में कई पार्टियों का जहां सफाया हो गया तो कई ऐसे दिग्गज नेता भी हैं, जिनको हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ कई ऐसे नए चेहरे हैं जो नई लोकसभा में नजर आएंगे जिनकी पहचान आम नेताओं से काफी अलग है। कोई गुमनामी से सीधे संसद तक पहुंचा है तो कोई अलग-अलग क्षेत्रों में सुर्खियां बटोरने के बाद। तो आइए उन खास सांसदों के बारे में जानते हैं जिन पर देश की निगाह अगले 5 साल तक रहेगी।

गुरदासपुर से सनी देओल

'जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पे उठता है तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है'- जैसे मशहूर फिल्मी डायलॉग के लिए चर्चित अभिनेता सनी देओल ने चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में एंट्री की और पंजाब के गुरदासपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। सनी देओल ने कांग्रेस के दमदार नेता सुनील जाखड़ को हराकर सियासत में जोरदार एंट्री की और अब गुरदासपुर के सांसद हैं।

चुनाव प्रचार में सनी देओल का हैंड पंप भी काफी चर्चित रहा जो गदर फिल्म के एक सीन के कारण मशहूर हुआ था। चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर मीम्स के जरिए लोगों ने सनी देओल के फिल्मी डायलॉग्स और सीन को खूब चर्चित भी किया। लेकिन एक सांसद के रूप में अब सनी देओल की परीक्षा रील लाइफ की बजाय रियल लाइफ में होगी।

पूर्वी दिल्ली से गौतम गंभीर

बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद और क्रिकेटर गौतम गंभीर भी कम चर्चा में नहीं हैं। अक्खड़ स्वभाव के गौतम गंभीर ने बीजेपी के टिकट पर पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीता। आम आदमी पार्टी उम्मीदवार आतिशी मार्लेना के बारे में विवादित पर्चे पर जब केजरीवाल ने गंभीर को घेरा तो गंभीर ने सीधी लड़ाई केजरीवाल से मोल ली और गलत साबित होने पर सियासत छोड़ देने तक की चुनौती दे दी। गंभीर ने चुनावी मैदान में कांग्रेस के दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली को हराकर आगे निकल गए। 2011 क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में अपनी ठोस पारी से भारत को विश्व विजेता बनाने वाले गंभीर की सियासी पारी पर अब सबकी नजर है।

अमेठी से स्मृति ईरानी

इस चुनाव में सबसे बड़ी जीत अमेठी में स्मृति ईरानी की मानी जा रही है। स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उन्हीं के मजबूत गढ़ अमेठी में शिकस्त दी। 2014 में भी स्मृति ईरानी अमेठी से उतरी थीं लेकिन तब जीत उनके हिस्से नहीं आई थी। 2019 में दूसरी कोशिश में इस बार वे राहुल गांधी का किला ढाहने में कामयाब रहीं। अमेठी से जीतने के बाद स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया- 'कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता'।

हालांकि, इससे पहले भी वे राज्यसभा की सदस्य के रूप में मोदी सरकार में शामिल थीं लेकिन अब लोकसभा की सदस्य हैं। अमेठी में बीजेपी को और मजबूत करने की जिम्मेदारी उनपर होगी।

बेंगलुरू दक्षिण से तेजस्वी सूर्या

बीजेपी की ओर से सबसे युवा सांसद चुनकर आए तेजस्वी सूर्या की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। तेजस्वी सूर्या बेंगलुरू दक्षिण सीट से चुनाव जीतकर आए हैं और फायरब्रांड वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। साउथ में पांव पसारने की कोशिश में लगी बीजेपी को तेजस्वी सूर्या जैसे युवा नेताओं से काफी उम्मीदें हैं। 28 साल के तेजस्वी सूर्या पेशे से वकील हैं और हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। सूर्या मूल रूप से कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के रहने वाले हैं और बासावानगुडी विधानसभा से विधायक एल. ए. रविसुब्रमण्यन के भतीजे हैं।

सूर्या फिलहाल भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महासचिव हैं। साथ ही पार्टी की नेशनल सोशल मीडिया टीम के भी सदस्य हैं। सूर्या को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पसंद बताया जाता है। वे आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में भी रहे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार के निधन के बाद उनकी पत्नी तेजस्विनी अनंत को टिकट मिलने की बात कही जा रही थी लेकिन मौका तेजस्वी को मिला। तेजस्वी ने इस चुनाव में कांग्रेस महासचिव बी के हरिप्रसाद को 3,31,192 वोट से हराकर जीत दर्ज की।

पश्चिम बंगाल से मिमी चक्रवर्ती

बंगाल की जादवपुर सीट से चुनाव जीतकर बंगाली फिल्मों की खूबसूरत अभिनेत्री मीमी चक्रवर्ती लोकसभा पहुंची हैं। वे ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से सांसद चुनी गई हैं। मिमी चक्रवर्ती की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। उन्हें सबसे खूबसूरत सांसद बताया जा रहा है। इस साल भी उनकी दो फिल्में रिलीज को तैयार हैं।

मिमी चक्रवर्ती ने करीब तीन लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीता। चुनाव प्रचार के दौरान मिमी पर लगातार जोरदार हमले किए गए। 30 साल की ग्लैमरस अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती ने अपने अभिनय कॅरियर की शुरुआत साल 2008 में किया था। उन्हें टीवी धारावाहिक 'गनेर ओपारे' से सबसे ज्यादा ख्याति मिली थी। इससे पहले वह फेमिना मिस इंडिया का हिस्सा रह चुकी थीं। करीब दस सालों तक टीवी व बंगाली सिनेमा में कई दमदार भूमिकाएं निभा चुकी हैं।

केरल से राम्या हरिदास

2019 चुनाव में जीतकर लोकसभा पहुंचीं केरल की एकमात्र महिला सांसद राम्या हरिदास की भी खूब चर्चा हो रही है। 33 साल की राम्या माक्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के गढ़ अलथुरा से चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। एक मजदूर की बेटी राम्या हरिदास को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए चुना था।

राम्या हरिदास गांधी टैलेंट हंट की टॉपर थी। यह टैलेंट हंट 2010 में भविष्य के नेता चुनने के लिए आयोजित किया गया था। सांसद बनने से पहले राम्या हरिदास कोझिकोड म्युनसिपाल्टी की प्रमुख थीं। राम्या एक अच्छी सिंगर भी हैं। उन्होंने गाना गाकर चुनाव प्रचार किया, जिसके बाद उनके विरोधियों ने गाना गाकर प्रचार करने के लिए उनका मजाक भी उड़ाया। लेकिन अब राम्या देश के लिए कानून बनाने वाली लोकसभा की सदस्य हैं।

गोरखपुर से रवि किशन

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर से नवनिर्वाचित सांसद हैं। उपचुनाव में जिस गोरखपुर सीट से बीजेपी हार गई थी वहां से रवि किशन ने 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। रवि किशन भोजपुरी और हिन्दी फिल्मों के एक जाने-माने अभिनेता हैं। उन्होंने तेलुगू फिल्मों में भी काम किया है। 2006 में रवि किशन ने टीवी के मशहूर शो बिग बॉस में भी हिस्सा लिया था।

बीजेपी में आने से पहले रवि किशन ने 2014 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से लड़ा था लेकिन जीत नहीं सके थे। रवि किशन का जन्म मुंबई में हुआ था। मूल रूप से रवि किशन यूपी के जौनपुर के रहने वाले हैं।

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से हंसराज हंस

बीजेपी के टिकट पर उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से चुनाव जीतने वाले सूफी गायक हंसराज हंस की सियासत पर सबकी नजर रहेगी। हंसराज हंस पंजाब की सियासत में सक्रिय रहे हैं। वे शिरोमणी अकाली दल और कांग्रेस में भी रह चुके हैं लेकिन इस बार बीजेपी के टिकट पर दिल्ली से चुनाव लड़कर उन्हें लोकसभा में एंट्री मिली है।

इस बार की मोदी लहर में बीजेपी ने हर राज्य में परचम लहराया लेकिन पंजाब में बीजेपी को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। अब हंसराज हंस के जरिए बीजेपी पंजाब में जड़ें जमाने का सपना देख रही है। हंसराज हंस दलित समुदाय से आते हैं। उनके जरिए बीजेपी राज्य में दलित कार्ड खेल सकती है। इसके अलावा हंसराज हंस जालंधर के गांव सफीपुर के रहने वाले हैं. जालंधर को पंजाब के दोआबा क्षेत्र का केंद्र माना जाता है. इस इलाके में हंसराज हंस काफी सक्रिय रहे हैं। उनके जरिए बीजेपी इस इलाके में जड़ें जमा सकती है।

बदायूं से संघमित्रा मौर्य

यूपी के बदायूं से नवनिर्वाचित सांसद संघमित्रा उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। इस चुनाव में उन्होंने मुलायम परिवार से आने वाले समाजवादी पार्टी के उम्मी दवार धर्मेंद्र यादव को हराया। इस चुनाव में बदायूं सीट से पांच बार सांसद रहे कांग्रेस के सलीम इकबाल शेरवानी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। संघमित्रा मौर्य इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह के खिलाफ बीएसपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ी थीं लेकिन जीत नहीं सकी।

संघमित्रा पेशे से डॉक्टर हैं और वो लखनऊ से पढ़ी-लिखी हैं। वह पीएम मोदी के जीवन संघर्ष पर एक किताब भी लिख चुकी हैं। इनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य योगी सरकार में ओबीसी के बड़े नेता हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थामा था। 

ओडिशा से चंद्राणी मुर्मू

इंजीनियरिंग ग्रेजुएट चंद्राणी मुर्मू देश की सबसे युवा सांसद चुनी गई हैं। 25 साल 11 महीने की चंद्राणी ने ओडिशा के आदिवासी बहुल क्योंझर सीट पर दो बार सांसद रहे भाजपा प्रत्याशी अनंत नायक को 66 हजार वोटों से हरा दिया।  चंद्राणी को टिकट मिलने की कहानी भी काफी रोचक है। 2017 में भुवनेश्वर के कॉलेज से बीटेक करने के बाद चंद्राणी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थीं।मार्च में चाचा हरमोहन सोरेन ने उनसे चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था, तब चंद्राणी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

नौकरी से रिटायर होकर सामाजिक कार्यों में जुटे हरमोहन को लगता था कि भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ चंद्राणी योग्य उम्मीदवार हो सकती हैं। इसके लिए उन्होंने बीजद नेताओं से संपर्क किया। 1 अप्रैल को मुख्यमंत्री कार्यालय से मैसेज मिला कि चंद्राणी का टिकट फाइनल हो गया है।

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