जेडी(एस) के संस्थापक एच डी देवगौड़ा ने सोमवार को कर्नाटक में मध्यावधि चुनाव की भविष्यवाणी करते हुए अकेले चुनाव लड़ने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘अब यह गलती नहीं करूंगा। अब अकेले ही चुनाव लड़ा जाए।’’
कुछ दिन पहले देवगौड़ा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को जारी रखने को लेकर पार्टी की राहें खुली रखने का संकेत दिया था। लेकिन अब देवगौड़ा के हवाले से उनके कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है, ‘‘राज्य में मध्यावधि चुनाव की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो भी गठबंधन में जाए बिना किसी के साथ के बगैर अकेले चुनाव लड़ा जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब यह गलती नहीं करूंगा। अब अकेले ही चुनाव लड़ा जाए।’’
अपनी गठबंधन सरकार के गिरने के बाद गौड़ा ने गुरुवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी के दरवाजे कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखने के लिए अभी भी खुले हैं। उन्होंने संकेत दिया था कि वह 17 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए तैयार थे जहां बागी विधायकों की अयोग्यता के बाद उपचुनाव होने हैं लेकिन यह सब राष्ट्रीय पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्णय पर निर्भर था।
राज्य में गौड़ा और कांग्रेस के सिद्धारमैया ने हाल ही में जुलाई में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के गिरने के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया था।
कांग्रेस नेताओं ने कहा- आलाकमान करेगा फैसला
कांग्रेस के विधायक दल के नेता दिनेश गुंडू राव और सिद्धारमैया सहित राज्य के कांग्रेस नेता इस बात पर कायम है कि महागठबंधन को आगे बढ़ाने का फैसला आलाकमान करेगा। हालांकि, पार्टी के कई शीर्ष नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बात करते हुए हाल ही में कहा था कि पार्टी के अधिकतर बड़े नेता जेडीएस साथ साझेदारी को समाप्त करने को लेकर खुश थी।
जेडी(एस) पर संकट
जद (एस) के कई विधायकों के पार्टी छोड़ने की अटकलों के बीच पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इससे चिंतित नहीं हैं और जानते हैं कि पार्टी को कैसे संगठित करना है। गौड़ा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से पिछली गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री के रूप में एच डी कुमारस्वामी द्वारा किए गए 'अच्छे काम' के संदेश को हर घर तक ले जाने को कहा है।"
हाल ही में पूर्व मंत्री जी टी देवेगौड़ा और एस आर श्रीनिवास ने पार्टी नेतृत्व खासकर कुमारस्वामी के खिलाफ खुलकर टिप्पणी की थी।
जनवरी या फरवरी में विधानसभा चुनावों की भविष्यवाणी करते हुए गौड़ा ने कहा कि वह और कुमारस्वामी पार्टी को मजबूत करने के लिए राज्यव्यापी दौरा करेंगे। उन्होंने कहा, "गठबंधन सरकार के दौरान कुमारस्वामी द्वारा किए गए अच्छे काम से हमें मदद मिलेगी," उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से संगठन को मजबूत करने के लिए, छोटे मतभेदों को दूर करने का आह्वान किया।
‘भाजपा सरकार लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकती’
मध्यावधि चुनावों की बार-बार भविष्यवाणी करते हुए, सिद्धारमैया ने कहा है कि भाजपा सरकार लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकती है क्योंकि वह 17 कांग्रेस-जेडी (एस) अयोग्य विधायकों की मदद से सत्ता में आई है। विश्वास मत के दौरान 17 कांग्रेस-जेडी (एस) विधायकों की अनुपस्थिति और इस्तीफे ने जुलाई में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पतन का कारण बना और भाजपा को सत्ता में आने में मदद की। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने 17 कांग्रेस-जेडी (एस) विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया था जिसे उन्होंने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।