राजस्थान में बीते एक सप्ताह से राजनीतिक उठापटक जारी है। पिछले दिनों प्रदेश में कांग्रेस की अगुवाई वाली गहलोत सरकार में बगावत के सुर अख्तियार करने वाले उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पद से हटा दिया गया। इनके साथ दो अन्य मंत्री को भी बर्खास्त कर दिया गया। जिसके बाद मंगलवार को राजस्थान विधानसभा स्पीकर सी. पी. जोशी की ओर से कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य करार देने के बाबत नोटिस भेजा गया। अब ये मामला कोर्ट में पहुंच गया है। दरअसल, गुरुवार को पायलट खेमे के विधायकों ने अयोग्य ठहराए जाने की मांग को लेकर अध्यक्ष द्वारा भेजे गए नोटिस को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामले पर सुनवाई शुक्रवार को होगी। गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद मामले को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
एडवोकेट हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में पक्ष रखा। अयोग्यता नोटिस के खिलाफ याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा करेंगे।
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बीते दिनों कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर से सचिन पायलट और अन्य बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की मांग की, जिसके बाद राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी उन्हें नोटिस जारी किया। बर्खास्त उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और अन्य विधायकों को शुक्रवार तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है। पायलट के अलावा 18 अन्य विधायकों ने व्हिप की अवहेलना की और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं हुए।
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सोमवार और मंगलवार कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी को शामिल होने के लिए कहा गया था, लेकिन दोनों दिन में किसी दिन ये बागी विधायक शामिल नहीं हुए।
कांग्रेस ये आरोप लगाती रही है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य में सरकार गिराने का षडयंत्र रच रही है। जबकि सीएम अशोक गहलोत ने कल कहा था कि जयपुर में बीते कई दिनों से हॉर्स-ट्रेडिंग चल रही थी। विधायकों को यदि होटल में न रखा जाता तो मानेसर जैसा हाल होता। बागी विधायक पायलट संग हरियाणा के मानेसर स्थित एक होटल में ठहरे हुए हैं। इस वक्त हरियाणा में भाजपा शासित खट्टर की सरकार है।
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