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हेमंत सोरेन फिर होंगे झारखंड के मुख्‍यमंत्री, गठबंधन ने विधायक दल का नया नेता चुना

हेमंत सोरेन फिर मुख्‍यमंत्री बनेंगे। जल्‍द ही वे राज्‍य के 13 वें मुख्‍मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण...
हेमंत सोरेन फिर होंगे झारखंड के मुख्‍यमंत्री, गठबंधन ने विधायक दल का नया नेता चुना

हेमंत सोरेन फिर मुख्‍यमंत्री बनेंगे। जल्‍द ही वे राज्‍य के 13 वें मुख्‍मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। बुधवार को मुख्‍यमंत्री आवास में सत्‍ताधारी विधायों की बैठक में हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। बैठक में मुख्‍मंत्री चम्‍पाई सोरेन, हेमंत सोरेन, झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर, कल्‍पना सोरेन सहित झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार चम्‍पाई सोरेन राजभवन जाकर अपना इस्‍तीफा सौंपेंगे और हेमंत सोरेन नये मुख्‍यमंत्री के लिए दावा पेश करेंगे। 

चम्‍पाई सोरेन नाराज न हों इसके लिए उन्‍हें संगठन में बड़ी जिम्‍मेदारी सौंपने का निर्णय किया गया है। इधर बैठक के समाप्‍त होने के पहले ही चतरा से राजद विधायक और श्रम मंत्री सत्‍यानंद भोक्‍ता ने मीडिया से कह दिया कि हेमंत सोरेन पुन: मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे हैं। मुख्‍यमंत्री आवास पर बैठक के पहले हेमंत सोरेन के आवास पर कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष राजेश ठाकुर की बैठक हुई। इधर झारखंड में तेज राजनीतिक हलचल के बीच राज्‍यपाल सीपी राधाकृष्‍णन शाम में रांची पहुंच रहे हैं। पिछले चार दिनों से वे पुड्डुचेरी की यात्रा पर थे। चम्‍पाई सोरेन के इस्‍तीफा और हेमंत सोरेन के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद उनके साथ नये सिरे से मंत्रीगण शपथ लेंगे। माना जा रहा है कि कैबिनेट में कुछ नये चेहरे शामिल हो सकते हैं। 

रांची के कथित जमीन घोटाला और उससे जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किये जाने के बाद इस्‍तीफा दे दिया था। और उसी शाम चम्‍पाई सोरेन को गठबंधन दल के विधायकों का नेता चुन लिया गया था। दो फरवरी को चम्‍पाई सोरेन ने मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी। इधर हेमंत सोरेन के 29 जून को जमानत पर जेल से निकलने के बाद से ही प्रदेश में नेतृत्‍व परिवर्तन को लेकर कयास लगाया जाने लगा था। 

झारखंड हाई कोर्ट ने इस बिना पर उन्‍हें जमानत दी थी कि हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के पास साक्ष्‍य नहीं हैं। करीब पांच महीने जेल में रहने के बाद हेमंत सोरेन जेल से निकले। जेल से निकलने के बाद से ही हेमंत सोरेन पूरी तरह सक्रिय हो गये थे। विभिन्‍न कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेने से लेकर इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर विधायकों, पार्टी जनों के साथ बैठक कर रहे थे। सोमवार को ही झामुमो ने तीन जुलाई को सत्‍ताधारी गठबंधन दल के विधायकों की बैठ के संबंध में सूचना जारी करते हुए इसमें अनिवार्य रूप से शामिल होने का संदेश दिया था। उस बैठक की सूचना के साथ ही झारखंड में नेतृत्‍व परिवर्तन के कयास तेज हो गये थे। 

वहीं मुख्‍यमंत्री चम्‍पाई सोरेन ने भी मंगलवार को अपने सभी सरकारी, गैर सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था। मंगलवार को उन्‍हें मुख्‍मंत्री को दुमका में योजनाओं के शिलान्‍यास, उद्घाटन, सरिसंपत्ति के वितरण कार्यक्रम में हिस्‍सा लेना था। उनके बदले चम्‍पाई सरकार में मंत्री और हेमंत सोारेन के छोटे भाई दुमका विधायक बसंत सोरेन ने और दुमका से झामुमो सांसद नलिन सोरेन कार्यक्रम में शामिल हुई। रांची के होटरवार में प्रतिभा सम्‍मान समारोह में भी मुख्‍यमंत्री चम्‍पाई सोरेन को जाना था, नहीं गये। मंगलवार को वे अपने आवास पर ही रहे। मिलने वालों को संदेश दिया जाता कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। हां मंगलवार को हेमंत सोरेन ने मुख्‍यमंत्री आवास जाकर करीब आधे घंटे तक चम्‍पाई सोरेन से बातचीत की थी। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष ने भी मुख्‍यमंत्री से मुलाकात कर प्रदेश के राजनीतिक हालात पर बात की थी। 

हेमंत सोरेन के जेल से निकलने के बाद चम्‍पाई सोरेन इधर रेस थे प्रदेश में 200 यूनिट बिजली फ्री, 21 साल से अधिक की महिलाओं को एक हजार रुपये पेंशन, 15 लाख तक का अबुआ स्‍वास्‍थ्‍य बीमा, उग्रवादी हिंसा में जान देने वाले पुलिसकर्मियों को 60 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान जैसे लोकलुभावन फैसले कैबिनेट से किये थे। चम्‍पाई सोरेन के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद भाजपा लगातार आरोप लगाती रही कि चम्‍पाई मुखौटा मुख्‍यमंत्री हैं और शासन जेल से चल रहा है। दूसरी तरफ गठबंधन के नेता आपस में विमर्श करते थे कि दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल से रहकर शासन चला सकते हैं तो हेमंत सोरेन क्‍यों नहीं। हेमंत सोरेन ने त्‍यागपत्र देने में जल्‍दबाजी कर दी। 

बहरहाल हेमंत सोरेन के जेल जाने से पार्टी में फर्क यह आया कि घर संभालने वाली हेमंत सोरेन की पत्‍नी कल्‍पना सोरेन एक स्‍टार लीडर के रूप में उभर कर सामने आयीं और गांडेय से विधानसभा का उप चुनाव जीतकर विधायक भी बन गईं।

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