झारखंड में नतीजों के बाद जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की सरकार बनना तय हो गया है। गठबंधन की तरफ से हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। झारखंड की स्थापना के बाद 19 सालों में यह पांचवां मौका होगा जब राज्य की कमान सोरेन परिवार के हाथों में होगी। इससे पहले हेमंत सोरेन एक बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनके पिता शिबू सोरेन तीन बार प्रदेश के सीएम रह चुके हैं।
साल 2000 जब झारखंड की स्थापना हुई थी उसके बाद पहले पांच साल तक भाजपा की सरकार रही थी और बाबूलाल लाल मरांडी पहले मुख्यमंत्री थे। फिर 2005 में शिबू सोरेन पहली बार सीएम बने, हालांकि, वह केवल 10 दिनों तक सीएम थे। 208 में शिबू सोरेन दूसरी बार सीएम बने लेकिन इस बार भी वह केवल चार महीने के लिए मुख्यमंत्री रहे। तीसरी बार वह 2009 में सीएम बने थे और इस बार भी उनका कार्यकाल केवल पांच महीनों का रहा। 2013 में हेमंत सोरेन पहली बार पांच महीने के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे।
मील का पत्थर साबित होगा जनादेश
नतीजों के बाद हेमंत सोरेन ने कहा, ‘‘आज हमारे लिए जनता की सेवा के लिए संकल्प का दिन है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज राज्य में जो परिणाम आए हैं, वे हम सभी के लिए उत्साहजनक हैं। जनता का जनादेश स्पष्ट है। आज आया जनादेश झारखंड के इतिहास में नया अध्याय साबित होगा। यह यहां मील का पत्थर साबित होगा।’’ हेमंत ने अपने पिता शिबू सोरेन, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और लालू यादव का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि आज के परिणाम सभी के परिश्रम का परिणाम हैं।
इस बार गठबंधन को मिली ज्यादा सीटें
झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं। यहां सरकार बनाने के लिए 41 सीटों की जरूरत है। पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा ने 37 सीट जीतकर ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (एजेएसयू) के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। तब एजेएसयू ने पांच सीटें जीती थी लेकिन इस बार उसे केवल दो सीटें मिली हैं। 2014 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को 19, कांग्रेस को 6 और अन्य को 6 सीटें मिली थी। इस बार कांग्रेस की सीटों में भी खासी बढ़ोतरी हुई है तो 30 सीटों के साथ जेएमएम सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। इस बार जेएमएम गठबंधन 47 सीटें ले रहा है। यानी गठबंधन की स्पष्ट सरकार बनेगी।