समाजवादी पार्टी (सपा) ने यूपी की हाई प्रोफाइल फूलपुर लोक सभा सीट से पंधारी यादव को उम्मीदवार बनाया है। 2014 में इस लोकसभा सीट पर केशव प्रसाद मौर्य जीते थे। डिप्टी सीएम बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था लेकिन 2018 के उपचुनाव में सपा ने बसपा के समर्थन से भाजपा से यह सीट कब्जा ली थी। वहीं, इलाहाबाद सीट पर राजेंद्र सिंह पटेल को उतारा गया है।
भाजपा ने इस बार यहां से केसरी देवी पटेल को मैदान में उतारा है। इस सीट पर एक बार फिर सपा-बसपा गठबंधन और भाजपा के बीच मुकाबला होगा। साल 2018 में भाजपा 2014 की जीत को दोहरा नहीं सकी। सपा के नागेंद्र पटेल ने भाजपा के कौशलेंद्र पटेल को मात दी थी, लेकिन इस बार सपा ने उनका टिकट काट कर पंधारी यादव को उम्मीवार बनाया है।
2014 में भाजपा ने पहली बार दर्ज की थी जीत
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की कर्मभूमि फूलपुर लोकसभा सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते पहली बार भाजपा ने खाता खोला था। 1964 में नेहरू के निधन के बाद उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित फूलपुर से उतरीं और जीत दर्ज कर सांसद बनीं। विजय लक्ष्मी ने 1967 में जनेश्वर मिश्र को भी हराया। 1969 में विजय लक्ष्मी के इस्तीफे के बाद उपचुनाव में कांग्रेस से केशवदेव मालवीय उतरे, जिन्हें सोशलिस्ट पार्टी के जनेश्वर मिश्र मात देकर सांसद बने। कांग्रेस ने इस सीट को दोबारा पाने के लिए 1971 में वीपी सिंह को मैदान में उतारा और वो जीत दर्ज करके सांसद बने।
यूपी में सात चरणों में होने हैं चुनाव
इसके बाद 1977 में आपातकाल के दौर में एक बार कांग्रेस के हाथों से ये सीट खिसक गई। 1980 में हुए चुनाव में फूलपुर से लोकदल के प्रत्याशी बीडी सिंह जीतकर सांसद बने। 1984 में कांग्रेस ने दोबारा से रामपूजन पटेल को मैदान में उतारा। इस बार कांग्रेस की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए उन्होंने जीत दर्ज की लेकिन इसके बाद वो जनता दल में शामिल हो गए और लगातार तीन बार चुने गए।
उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव होने हैं। यूपी में पहला चरण 11 अप्रैल, दूसरा चरण 18 अप्रैल को हो गया है। तीसरा चरण 23 अप्रैल, चौथा चरण 29 अप्रैल, पांचवां चरण 6 मई, छठा चरण 12 मई तथा सातवां चरण 19 मई को होगा। वोटों की गिनती 23 मई को होगी।