गृह मंत्रालय ने इन आरोपों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से ‘तत्काल’ रिपोर्ट मांगी है कि राज्य में विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ ‘झूठे और मनगढ़ंत’ मामले दर्ज किए गए हैं।
यह कदम तब उठाया गया है, जब प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंत्रालय को वह पत्र भेजा, जो पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने लिखा था। उक्त पत्र में अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ ‘‘झूठे और मनगढ़ंत’’ मामले कथित तौर पर दर्ज करने का आरोप लगाया था।
गृह मंत्रालय के पत्र में कहा गया है, ‘‘चूंकि याचिका में उठाया गया मुद्दा पश्चिम बंगाल सरकार से संबंधित है, इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि कृपया इस मामले पर उचित तरीके से गौर किया जाए और इस मामले की रिपोर्ट इस मंत्रालय को तुरंत प्रस्तुत की जाए।’’ पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र 10 मार्च को भेजा गया था।
जुलाई 2021 में, अधिकारी ने आरोप लगाया था कि उन्हें ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वह एक विपक्षी पार्टी के नेता हैं और उनके खिलाफ ‘झूठे दावों’ के साथ मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने तब कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था और अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
अधिकारी ने रिट याचिका में यह भी अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ आपराधिक मामलों को ‘‘निष्पक्ष जांच’’ के लिए सीबीआई को सौंपा जाए।