कांग्रेस ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े सुधारों के मद्देनजर शनिवार को सवाल उठाया कि सरकार यह कैसे सुनिश्चित करेगी कि जीएसटी दरों में कमी का फायदा सिर्फ कुछ लोगों को न हो।
पार्टी महासचिव जयराम ने यह भी पूछा कि क्या राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) को फिर से नया जीवन मिलेगा, जिसे पहले खत्म किया जा चुका है?
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण की स्थापना केंद्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 171 के तहत की गई थी, ताकि यह निगरानी की जा सके कि जीएसटी दर में कटौती के परिणामस्वरूप उपभोक्ता कीमतों में कमी आई है या नहीं। 30 सितंबर, 2024 को, मोदी सरकार ने 1 अप्रैल, 2025 से एनएए को वस्तुतः समाप्त करने की अधिसूचना जारी की थी।’ उन्होंने सवाल किया कि क्या एनएए को अब नया जीवन मिलेगा?
उल्लेखनीय है कि एनएए की स्थापना जीएसटी अधिनियम की धारा 171 के तहत की गई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जीएसटी दरों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं को मिले। अब यह अस्तित्व में नहीं है।