उन्होंने कहा कि 50 दिनों तक ये कठिनाइयां रहेंगी। और ये कठिनाइयां बढ़ेगी लेकिन 50 दिनों के बाद मैंने आकलन किया है कि स्थितियां एक बार में धीरे से सामान्य स्थिति की ओर बढ़ जाएंगी। आप देखेंगे कि 50 दिनों के बाद स्थिति धीरे-धीरे बेहतर होने लगेगी।
प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी को ऐसे समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब नोटबंदी के कारण बैंकों से पैसे निकालने में लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के कामकाज को बाधित करने को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि यहां तक कि राष्टपति भी इनके आचरण से दुखी हैं।
मोदी ने कहा कि लेकिन जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं लोकसभा में देश के सवा सौ करोड़ लोगों की आवाज को प्रस्तुत करने का प्रयास करूंगा। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी समेत कुछ विपक्षी नेता नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में बोलने से भागने का आरोप लगा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं और लोगों की समस्यओं का जिक्र कर रहे हैं। उन्हें जनता को यह भी बताना चाहिए कि उन्हें कतार में खड़ा होने की जरूरत नहीं है और वे मोबाइल बैंकिंग का उपयोग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आपको पता होगा कि विपक्ष संसद में कामकाज नहीं होने दे रहा है। मुझे आश्चर्य है कि सरकार के आश्वासन के बावजूद प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर सदन में बोलेंगे, स्थितियां नहीं सुधर रही हैं। यहां तक कि राष्टपति भी इससे अप्रसन्न हैं।
मोदी ने कहा कि अगर विपक्ष चाहता है तो सरकार इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। उन्होंने कहा कि विपक्ष चर्चा से इसलिए भाग रही है क्योंकि उन्हें पता है कि उनका झूठ पकड़ा जाएगा। विपक्ष में यह साहस नहीं है कि वे इस निर्णय को वापस लेने के लिए कह सके क्योंकि उन्हें समझ आ गया है कि लोग नोटबंदी के पक्ष में हैं। इसलिए वे सभी कह रहे हैं कि नोटबंदी को ठीक ढंग से लागू किया जाना चाहिए। (एजेंसी)