महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक कार्यक्रम में कहा कि आरक्षण ही नौकरियों का उपाय नहीं है। उन्होंने कहा, 'अगर सभी समुदायों को आरक्षण दे दिया जाए तो 90 फीसदी युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिल पाएगी। सरकार एक साल में सिर्फ 25 हजार नौकरियां ही दे सकती है। इस मुद्दे का उपाय आरक्षण नहीं है।' उन्होंने कहा 'इस बात में सच्चाई है कि जाति की पहचान के लिए आरक्षण जरूरी है।'
उन्होंने कहा कि आरक्षण सिर्फ सरकारी नौकरी ही दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। अगर युवाओं को एक बार यह बात समझ आ गई तो वे जाति की पहचान के चक्कर में नहीं फंसेंगे।
‘2050 तक कई मराठी बन सकते हैं प्रधानमंत्री’
आने वाले समय में एक मराठी के मुख्यमंत्री बनने के सवाल को लेकर उन्होंने जवाब दिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या साल 2050 तक किसी मराठी व्यक्ति के मुख्यमंत्री बनने की संभावना है? इस पर सीएम फडणवीस ने जवाब दिया, 'इतिहास में अलग-अलग समय के दौरान मराठाओं ने देश के कोने-कोने में राज किया है। उत्तर प्रदेश से कटक तक। मुझे पूरा विश्वास है कि अगर मौका मिलेगा तो एक मराठी प्रधानमंत्री जरूर बनेगा।'
गडकरी भी थे मौजूद
मुख्यमंत्री फडणवीस ने नागपुर के 16वें जगतिक मराठी सम्मेलन (विश्व मराठी सम्मेलन) के उद्घाटन सत्र के दौरान हुए एक सार्वजनिक इंटरव्यू में यह बात कही। केंद्रीय मंत्री और नागपुर के सांसद नितिन गडकरी भी इस सम्मेलन में शामिल हुए। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे मुख्य अतिथि थे। इससे पहले गडकरी ने कहा था, 'यह जरूरी है कि मराठी होने की पहचान के साथ हिंदुस्तानी होने की पहचान भी अहम है और ये दोनों ही एक-दूसरे की पूरक हैं।'
पीएम बनने के सवाल पर फडणवीस ने क्या कहा
नागपुर के बिल्डर आशुतोष शेवलकर और कवि रामदास फुतने की ओर से मराठी में किए गए साक्षात्कार में देवेंद्र फडणवीस से यह भी पूछा गया, 'देश के गार्ड के नरेंद्र से देवेंद्र में बदलने की क्या संभावना है?' इस पर चुटकी लेते हुए सीएम ने कहा, 'अब तक मुझे लगता था कि आप मेरे शुभ चिंतक हैं लेकिन अब नहीं।'