आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन में गतिविधियां तेज हो गई हैं। आज यानी 13 जनवरी को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने एक अहम बैठक बुलाई है। इसमें सीट-बंटवारे से लेकर गठबंधन का संयोजक नियुक्त किए जाने पर चर्चा होने की उम्मीद है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस बैठक की जानकारी दी है। यह बैठक वर्चुअली होगी। हालांकि बैठक से पहले ही विपक्ष को झटका लगा है और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल नहीं होंगी। विपक्षी गठबंधन की बैठक को लेकर भाजपा सांसद दिलीप घोष ने तंज कसा है। उन्होंने कहा 'विपक्षी गठबंधन कोई काम नहीं करता और सिर्फ बैठकें करता है। कुछ नहीं होगा और जल्द ही यह गठबंधन टूट जाएगा।'
कांग्रेस महासचिव रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बैठक को लेकर एक पोस्ट की है। उन्होंने लिखा, ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता 13 जनवरी को सुबह 11:30 बजे जूम पर एक वर्चुअल बैठक करेंगे, जिसमें विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की जाएगी। इनमें विपक्षी पार्टियों के बीच सीट-बंटवारे पर बातचीत, 14 जनवरी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इंफाल से शुरू हो रही 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में भागीदारी जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।'
बता दें कि ममता बनर्जी के बैठक में शामिल ना होने पर टीएमसी ने कहा कि उन्हें बैठक के लिए शॉर्ट नोटिस पर सूचना दी गई और साथ ही कांग्रेस ने बैठक के एजेंडे के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी। हाल के दिनों में यह दूसरी बार है जब टीएमसी ने कांग्रेस के साथ बैठक से इनकार किया है। गुरुवार को ही टीएमसी ने बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ बैठक से इनकार कर दिया था।
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को दो सीटें देने की पेशकश कर रही हैं और ज्यादा से ज्यादा तीन पर वह मान सकती हैं, लेकिन कांग्रेस इस पर सहमत नहीं है।
दिल्ली और पंजाब में सीट-बंटवारे पर चर्चा जारी
हाल में विपक्षी पार्टी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच दिल्ली और पंजाब सहित प्रमुख राज्यों में सीट-बंटवारे की व्यवस्था पर बातचीत हुई। ये बैठक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक के आवास पर हुई थी।
उत्तर प्रदेश में सीट-बंटवारे पर फंसा है पेंच
विपक्ष में उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच होने वाले बैठक रद्द हो गई। यहां दोनों पार्टियों के बीच कोई फॉर्मूला बनता नहीं दिख रहा है। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 23 सीटों मांगी है, लेकिन सपा ने केवल रायबरेली और अमेठी सीट ही देने की इच्छा जताई है। इसके कारण यहां सीट-बंटवारे को लेकर कोई सहमति नहीं बन पा रही है।