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ट्रोलर को सुषमा का जवाब, इंतजार क्यों? लीजिए ब्लॉक कर दिया

लखनऊ की हिंदू-मुस्लिम दंपति को पासपोर्ट जारी किए जाने के बाद ट्वीटर पर अभद्र टिप्पणियों का सामना कर...
ट्रोलर को सुषमा का जवाब, इंतजार क्यों? लीजिए ब्लॉक कर दिया

लखनऊ की हिंदू-मुस्लिम दंपति को पासपोर्ट जारी किए जाने के बाद ट्वीटर पर अभद्र टिप्पणियों का सामना कर रहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक ट्रोलर को तत्काल ब्लॉक कर दिया है। इस ट्रोलर ने उन्हें ब्लॉक करने की चुनौती दी थी। सुषमा ने ट्वीट किया, “इंतजार क्यों? लीजिए ब्लॉक कर दिया।” इस बीच, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बाद दो अन्य केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और रामविलास पासवान ने विदेश मंत्री के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की निंदा की है।

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ट्रोलिंग को गलत बताया था। मंगलवार को गडकरी ने भी स्वराज का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सुषमा स्वराज को ट्रोल किया और उनके खिलाफ टिप्पणियां की गईं वह दुर्भाग्यपूर्ण हैं। जब पासपोर्ट देने का फैसला हुआ तब वह देश में नहीं थी।।

पासवान ने कहा कि वह सुषमा स्वराज जी के खिलाफ ट्रोलिंग अभियान की कड़ी निंदा करता हैं। वह एक बेहद वरिष्ठ सांसद हैं और हमें एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। उनके खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जाना गलत है। 

दूसरी ओर, सुषमा ने ट्रोल का विरोध करने का अनोखा तरीका निकाला है और वह ट्रोल्स की पोस्ट को लाइक कर रही हैं। उन्होंने रविवार को ट्विटर पर एक सर्वेक्षण भी करवाया और यूजर्स से सवाल किया कि क्या वे इस प्रकार की ट्रोलिंग को  सही ठहराते हैं? इसके जवाब में 57 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इसका विरोध करते हैं जबकि 43 फीसदी ने ट्रोल्स का समर्थन किया। 

लखनऊ के पासपोर्ट सेवा केंद्र के अधिकारी विकास मिश्रा का कथित रूप से दंपति को अपमानित किए जाने के कारण तबादला कर दिया गया था। इसी को लेकर ट्रोल्स ने स्वराज को निशाना बनाया।  उधर, विदेश मंत्री के समर्थन में नहीं आने के लिए कांग्रेस भाजपा को निशाना बना रही है। 

गौरतलब है कि जिस समय यह विवाद पैदा हुआ उस दौरान सुषमा स्वराज फ्रांस, बेल्जियम और लग्समबर्ग की आधिकारिक यात्रा पर थी। उन्होंने 24 जून को लिखा ट्वीट किया था कि मैं 17 से 23 जून के बीच भारत से बाहर थी। मुझे नहीं पता कि मेरी गैर मौजूदगी में क्या हुआ। लेकिन मेरा सम्मान कुछ ट्वीट्स से किया गया जिन्हें मैं आपके साथ साझा कर रही हूं। इसलिए मैंने इन ट्वीट को लाइक कर दिया है। रविवार को सुषमा ने सर्वेक्षण के बाद पोस्ट किया कि लोकतंत्र में वैचारिक मतभेद स्वाभाविक है। कृपया आलोचना करें, लेकिन अभद्र भाषा में नहीं। सभ्य भाषा में की गई आलोचना हमेशा अधिक प्रभावी होती है।

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