केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को मणिपुर से लौटे विपक्षी दलों के सांसदों से पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा पर संसद में चर्चा में शामिल होने और यात्रा के अपने अनुभव साझा करने का आग्रह किया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने विपक्षी दलों के सदस्यों पर संसद में चर्चा से भागने का आरोप लगाया जब सरकार ने 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद राज्य में जातीय हिंसा पर बहस की पेशकश की थी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद के चालू सत्र से पहले ही मणिपुर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर कड़ा बयान दे चुके हैं।
ठाकुर ने कहा, ‘‘विपक्षी सदस्यों से मेरी अपील है कि वे पूरे देश को बताएं कि कांग्रेस के शासन में मणिपुर छह महीने तक कैसे जलता रहता था, सैकड़ों लोगों की जान चली जाती थी और फिर भी किसी गृह मंत्री या प्रधानमंत्री ने संसद में कोई बयान नहीं दिया।''