शमशेर सिंह
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से लगातार बढ़ती नजदीकियों ने पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ की मुश्किलें बढा दी है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ पदाधिकारी पार्टी लाइन से अलग काम करने को लेकर कमलनाथ की शिकायत कर चुके है। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान कमलनाथ को मध्य प्रदेश विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष से हटा सकता है।
मध्य प्रदेश विधान सभा के सत्र को स्थगित करने को लेकर कमलनाथ ने पार्टी लाइन से अलग जाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का साथ दिया। उन्होंने सत्र को स्थगित करने के राज्य सरकार के फैसले का समर्थन किया, जबकि पार्टी चाहती थी कि सत्र हो और लव जिहाद पर बनाये जा रहे नये कानून पर चर्चा की जाये। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गोविंद सिंह ने सर्वदलीय बैठक में सरकार के फैसले का विरोध भी किया, किन्तु कमलनाथ के नेता प्रतिपक्ष के रूप में समर्थन मिलने से सरकार का काम आसान हो गया।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सार्वजनिक रूप से कह चुके है कि जब विधान सभा में विधायकों को शपथ दिलाई जा सकती है और चुनावी रैलियां की जा सकती है तो विधान सभा सत्र क्यों नहीं बुलाया जा सकता है। इसी तरह कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा कमलनाथ द्वारा शिवराज सिंह के पक्ष में लिये जा रहे फैसलों से काफी नाराज है। इस बात को कांग्रेस आलाकमान तक भी पहुंचाया गया है। यही वजह है कि कमलनाथ को विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाने की कवायद शुरू हो गई है।
कमलनाथ के पास फिलहाल नेता प्रतिपक्ष के अलावा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद भी है। राज्य में सरकार गिरने के बाद से ही उनसे एक पद हटाये जाने की मांग लगातार की जा रही थी, जो उपचुनाव में हार के बाद और भी तेज हो गई है। इसके बाद शिवराज सिंह से बढ़ती नजदीकियां उसे और भी हवा दी रही है। कांग्रेस आला कमान भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही फैसला लेने के मूड में है।