कर्नाटक में 7 महीने बाद फिर से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों में टूट की खबरों के बीच भाजपा के 104 विधायक देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक रिसॉर्ट में डेरा डाल रखे हैं। भाजपा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर उनके विधायक तोड़ने का आरोप लगाया है। वहीं मुंबई में कांग्रेस के 3 विधायक एक होटल में हैं, जिन पर पाला बदलने का संदेह जताया जा रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने दावा किया है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। सभी विधायक उनके संपर्क में हैं।
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट में कयास लगाया जा रहा है कि बीजेपी कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ अगले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ सकती है। साथ ही बीजेपी को भी डर है कि कांग्रेस उसके विधायक तोड़ सकती है। लिहाजा दोनों ही दल इस वक्त अपने-अपने विधायकों को ‘बचाने’ की जुगत में हैं। हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश में हैं। इसलिए हम एकता दिखाने के लिए दिल्ली में कैंप कर रहे हैं।
जेडीएस-कांग्रेस ने हॉर्स ट्रेडिंग की शुरुआत की: येदियुरप्पा
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कर्नाटक के विधायक और सांसदों से मीटिंग के बाद येदियुरप्पा ने कहा, 'हमने नहीं बल्कि जेडीएस-कांग्रेस ने हॉर्स ट्रेडिंग की शुरुआत की थी। हम एक या दो दिन यहीं रुकेंगे क्योंकि कुमारस्वामी हमारे विधायकों से संपर्क करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।' पूर्व सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री धन और बल से विधायकों को अपने पाले में लेना चाहते हैं। बीजेपी पूरे घटनाक्रम को लेकर सजग है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुमारस्वामी बीजेपी विधायकों के संपर्क में हैं और उन्हें मंत्री पद तक का ऑफर दे रहे हैं। बता दें कि कर्नाटक के विधायक शनिवार को समाप्त हुई बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिस्सा लेने आए थे और उसके बाद से दिल्ली में ही टिके हुए हैं। बीजेपी में एकजुटता का दावा करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि हमारे विधायक एकजुट हैं और साथ हैं। हमें फिलहाल कोई समस्या नहीं है। हमारे विधायकों ने यहां 2 से 3 दिन रुकने की बात कही है और उसके बाद अपने क्षेत्रों में लौटेंगे।
भाजपा ‘खरीद-फरोख्त करने’के बजाय मुद्दों पर ध्यान दे: कांग्रेस
कर्नाटक में अपने कुछ विधायकों के पाला बदलने से जुड़ी अटकलों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि राज्य की कांग्रेस-जद(एस) सरकार ‘पहले भी स्थिर थी, है और आगे भी रहेगी।’ पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर संवाददाताओं से कहा, ‘‘कर्नाटक में गठबंधन सरकार स्थिर थी, स्थिर है और आगे भी स्थिर रहेगी।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा को ‘खरीद-फरोख्त करने’ के बजाय मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए ताकि आगे के चुनाव में वह बेहतर कर सके।
‘‘अस्थिरता’’ का कोई सवाल नहीं: कुमार स्वामी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि राज्य में कांग्रेस- जद (एस) की सरकार के लिए ‘‘अस्थिरता’’ का कोई सवाल नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने इन खबरों को भी खारिज किया जिनमें कहा गया है कि भाजपा उनकी सरकार को गिराने के लिए कथित रूप से ‘‘आपरेशन कमल’’ चला रही है। दरअसल, इस तरह की अटकलें हैं कि छह से आठ कांग्रेस विधायक भाजपा के पाले में जाने को तैयार बैठे हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि इनमें से कुछ के साथ संपर्क ही नहीं हो पा रहा है।
क्या है कर्नाटक का समीकरण
225 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में अध्यक्ष सहित कांग्रेस के कुल 80 विधायक हैं। जेडीएस के 37 विधायक हैं। भाजपा के पास 104 विधायक हैं। संख्याबल के आधार पर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन जेडीएस के कांग्रेस के साथ जाने के चलते बीजेपी राज्य में सरकार बनाने से चूक गई।