जया बच्चन पर विवादित बयान देने पर चौतरफा आलोचना से घिरे नरेश अग्रवाल से अब समाजवादी पार्टी भी राहत महसूस कर रही है। नरेश अग्रवाल के भाजपा में शामिल होने पर सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा, ‘उनके जाने से कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि फायदा ही होगा।‘
नरेश अग्रवाल की टिप्पणी को लेकर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आलोचना की है। चारों तरफ जहां उनके बयान की निंदा हो रही है वहीं अब सपा को उनके जाने को फायदे का सौदा मान रही है। भाजपा में उऩके जाने से विवाद बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं। खुले तौर पर भाजपा नेताओं ने ही उनकी टिप्पणी को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
Koi nuksaan nahi hoga, unke jaane se fayda hi hoga: SP's Mulayam Singh Yadav on Naresh Agrawal joining BJP. pic.twitter.com/TO1r47PeAO
— ANI (@ANI) March 13, 2018
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी नरेश अग्रवाल को तब से पसंद नहीं करते जब वे 2001 में उनकी सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। राजनाथ ने कार्यशैली से तंग आकर उन्हें 2001 में मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। नरेश ने तब लोकतांत्रिक कांग्रेस बनाई थी और वह राजनाथ सरकार को समर्थन दे रहे थे। अग्रवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तब राजनाथ को उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा। नरेश ने 19 विधायकों का समर्थन वापस लेने की धमकी दी, पर उसी वक्त अग्रवाल के साथ के 13 विधायकों ने राज्यपाल को यह लिखकर दे दिया कि वे राजनाथ सिंह के साथ हैं। इसके बाद नरेश अग्रवाल को मुंह की खानी पड़ी। तब से उनके और राजनाथ के रिश्ते सामान्य नहीं रहे।
भाजपा में नरेश के जितने चाहने वाले हैं, उससे कहीं ज्यादा नापसंद करने वाले हैं। नरेश अकेले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने न केवल हिंदू धर्म पर टिप्पणी की, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था।