केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 14वां दिन हैं। वही, इस मसले पर बुधवार को विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और कृषि कानूनों को लेकर अपनी चिंता से अवगत कराया।
पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआर बालू, भाकपा के महासचिव डी राजा और येचुरी शामिल रहे। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा कि किसान विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसान विरोधी है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि ये कानून किसानों के हित में हैं, तो फिर किसान सड़क पर क्यों खड़े हैं? सरकार को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान डर जाएंगे और हट जाएंगे। जब तक कानून वापिस नहीं हो जाते तब तक किसान न हटेगा न डरेगा।
सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन दिया है। हमने उनसे कृषि कानून और बिजली संशोधन बिल को रद्द करने की मांग की है जिसे बिना किसी उचित विचार-विमर्श और सलाह के अलोकतांत्रिक तरीके से पास किया गया था। उन्होंने कहा कि 25 से ज्यादा विपक्षी दल इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। ये किसानों के खिलाफ होने के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा पर भी भारी खतरा हैं। कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है।