वाम मोर्चा के प्रमुख विमान बोस ने कहा, आज 11 वाम दलों के मोर्चे की बैठक में हमने फैसला किया कि अगर कांग्रेस चर्चा (गठबंधन के मुद्दे पर) करना चाहे तो हम उनके साथ इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं। कांग्रेस के साथ चर्चा करने में कोई नुकसान नहीं है। लेकिन कांग्रेस को चर्चा के लिए हमसे संपर्क करना होगा। हमें अब तक कांग्रेस से चर्चा की बाबत कोई चिट्ठी नहीं मिली है। बोस माकपा पोलितब्यूरो के सदस्य भी हैं।
उनसे जब पूछा गया कि अगर कांग्रेस पहला कदम नहीं उठाती तो क्या वाम मोर्चा उससे संपर्क करेगा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वाम मोर्चा के प्रमुख दलों में माकपा, भाकपा, आरएसपी और एआईएफबी शामिल हैं। साथ ही कई छोटे वामपंथी दल भी इसका हिस्सा हैं। कल माकपा की राज्य समिति की बैठक होगी जिसमें कांग्रेस के साथ गठबंधन सहित चुनावी रणनीतियों पर फैसला लिया जाएगा। पार्टी की केंद्रीय समिति गठबंधन के मुद्दे पर अंतिम फैसला लेगी।
यह पूछे जाने पर कि वाम मोर्चा कांग्रेस के साथ चर्चा पर कैसे सहमत हुआ, बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा, जब लोकतंत्र खतरे में होता है तब लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन किया जाता है। हम लोकतंत्र बहाल करना चाहते हैं। हम उनके साथ चर्चा के लिए तैयार हैं जो लोकतंत्र बहाल करना चाहते हैं और हमारे साथ चर्चा करना चाहते हैं।