विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि वह इन दिनों सिर्फ कठोर भाषा ही सुन रही हैं। उन्होंने यह टिप्पणी इंडोनेशिया के बाली एयरपोर्ट पर फंसी एक महिला के ट्वीट पर आए कमेंट के बाद की। लखनऊ के अंतर धार्मिक दंपति को पासपोर्ट दिए जाने के मामले के बाद सुषमा स्वराज पर सोशल मीडिया में काफी अवांछित टिप्पणियां की गईं थी।
भारतीय यात्री अपना पासपोर्ट हवाई जहाज में छोड़ आई थी इसकी वजह से इंडोनेशिया के अधिकारियों ने उसे रोक दिया था। इसके बाद उसने ट्वीट कर मदद मांगी थी जिस पर सुषमा स्वराज ने सभी तरह की सहायता देने का आश्वासन दिया था। लेकिन, दूतावास अधिकारियों द्वारा भारत वापसी के लिए मिली मदद से वह संतुष्ट नहीं थी। इसके बाद उसने फिर ट्वीट कर कहा कि सुषमा स्वराज यह बताएं कि 24 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी क्या कार्रवाई हुई है? केवल खानापूर्ति की जा रही है। मैं यहां फंसी हुई हूं।
इसके जवाब में सुषमा स्वराज ने कहा, “बेटा.. मैं तुम्हारे गुस्से को समझती हूं। हम पूरा प्रयास कर रहे हैं। हमारे महावाणिज्यदूत और राजदूत ने इस मामले को उठाया है। इसे हल करने के लिए विदेश मंत्रालय के डिप्टी चीफ ऑफ मिशंस भी लगे हुए हैं। ”
बाली में फंसी हुई महिला यात्री की शिकायत की पर कड़ी आपत्ति जताते हुए एक ट्वीटर यूजर ने पूछा कि वह स्वराज के खिलाफ इतनी कठोर भाषा का इस्तेमाल क्यों कर रही हैं। इसके जवाब में सुषमा स्वराज ने कहा, “ बुरा मत मानें। विदेश मंत्रालय इन दिनों सिर्फ कठोर भाषा ही सुन रहा है।”
गौरतलब है कि लखनऊ के पासपोर्ट सेवा केंद्र के अधिकारी विकास मिश्रा के तबादले के बाद से ही सुषमा स्वराज ट्रोलिंग का सामना कर रहीं हैं। मिश्रा का तबादला अंतरधार्मिक दंपति की शिकायत के बाद लखनऊ से गोरखपुर कर दिया गया है। दपंति ने मिश्रा पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था।