मध्य प्रदेश में मंत्री बनने के लिए कतार में लगे हुए विधायकों का इंतजार और लंबा हो गया है। अब भारतीय जनता पार्टी पहले संगठन में नियुक्तियां करेगी उसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार होगा। पार्टी के इस फैसले से स्पष्ट है कि विस्तार पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है।
राज्य भाजपा संगठन मंत्री सुहास भगत ने सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के साथ मीटिंग के बाद फैसला लिया है कि पहले भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा और फिर शिवराज सिंह सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होगा। पार्टी का यह फैसला राजनीति के स्थापित फार्मूले के खिलाफ जाता है, जहां पहले मंत्रिमंडल विस्तार होता है और नाराज दावेदारों को संतुष्ट करने के लिए निगम, मंडल एवं संगठन में पद दिए जाते हैं। भाजपा संगठन ने ऐसा न करने का फैसला लिया है।
भाजपा के कई विधायक स्वयं को मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर दावेदारी जता चुका है। कई लोग अलग-अलग स्तरों से मंत्री बनने के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव भी डलवा रहे है। दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी अपने समर्थकों को मंत्री और निगम मंडलों में नियुक्तियां दिलवाने के लिए दबाव डाला जा रहा है। ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट है कि विस्तार को लेकर पार्टी में कोई आपसी सहमति नहीं बन पा रहीहै, इसलिए यह विस्तार टाला जा रहा है।