मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को दावा किया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को एहसास हो गया है कि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने उनके लिए कुछ नहीं किया और अगर वह अपने पद से हट जाते हैं तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल में घोषणा की कि मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण मिलने तक उन्हें ओबीसी द्वारा प्राप्त सभी लाभ दिए जाएंगे। शिंदे की इस घोषणा की भुजबल ने आलोचना की है।
महाराष्ट्र सरकार ने जरांगे के साथ बातचीत के बाद एक मसौदा अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा गया है कि जिस मराठा व्यक्ति के पास यह दर्शाने के लिए रिकॉर्ड हैं कि वह कुनबी समुदाय से जुड़ा है, उसके सगे-संबंधियों को भी कुनबी के तौर पर मान्यता दी जाएगी।
कुनबी समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आता है और जरांगे सभी मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र दिये जाने की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबल ने कहा कि मराठा आरक्षण के संबंध में राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ एक फरवरी को विधायकों, सांसदों और तहसीलदारों के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
जरांगे मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को रायगढ़ जिले में स्थित रायगढ़ किले में पहुंचे।
जब एक पत्रकार ने ‘‘ओबीसी की चिंताओं पर ध्यान नहीं देने पर’’ कैबिनेट से इस्तीफा देने की भुजबल की चेतावनी के बारे में सवाल किया, तो जरांगे ने कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति दबाव बनाने की इस तरह की रणनीति के आगे नहीं झुकेगा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के शीर्ष नेता इतने समझदार हैं कि भुजबल से निपट सकें।
जरांगे ने कहा, ‘‘यहां तक कि ओबीसी को भी एहसास हो गया है कि भुजबल ने पिछले कई वर्षों में उनके लिए कुछ नहीं किया। अगर वह पद छोड़ देते हैं तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा।’’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को कहा कि वह मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार के फैसले का विरोध करने को लेकर अपने कैबिनेट सहयोगी भुजबल से बात करेंगे।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सोमवार को कहा कि वह मराठा समुदाय के पात्र लोगों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी मसौदा अधिसूचना के मद्देनजर ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर भुजबल की चिंताओं को दूर करेंगे। फडणवीस ने अधिसूचना का विशेष रूप से उल्लेख किए बिना कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो सरकार संशोधन करेगी।