महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर पिछले दिनों तब हल्ला मचा, जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में शामिल हो गए। इस सियासी उठापठक को लेकर विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी को निशाना बनाया। इसी क्रम में अब पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कटाक्ष किया है।
यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे, कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, "भाजपा: निम्नलिखित निर्वाचित विपक्षी सरकारों को पद के प्रलोभन और अन्यथा गिरा दिया गया: उत्तराखंड (2016), अरुणाचल प्रदेश (2016), कर्नाटक (2019), मध्य प्रदेश (2020), महाराष्ट्र (2022)...कानून अब इसकी इजाजत देता है? अब मामला सुप्रीम कोर्ट के हवाले!
कपिल सिब्बल ने उन राज्यों और वर्षों को अंकित किया है, जब वहां पर महाराष्ट्र की तरह ही सियासी समीकरण बदले थे और भाजपा कथित तौर पर उन बदलावों के केंद्र में रही थी। महाराष्ट्र की बात करें तो अजीत पवार और छगन भुजबल के साथ दिलीप पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडो, धर्मरावबाबा अत्राम, अदिति तटकरे, संजय बंसोडे और अनिल पाटिल एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए।
राज्यसभा सदस्य ने अजित पवार तथा आठ अन्य को एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में शामिल किए जाने को लेकर सोमवार को भी भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘‘ पहले भ्रष्टाचारियों पर हमला करो और फिर उन्हें गले लगाओ।’’
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में रविवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि पार्टी के आठ अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी।