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उत्तराखंड में संविधान का बड़ा उल्लंघन: जेटली

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व योग्यता पर आधारित नहीं है और यह बात उसके कामकाज में साफ तौर पर परिलक्षित होती है। जेटली ने उत्तराखंड में जारी राजनीतिक संकट पर पीटीआई-भाषा से कहा कि यह कांग्रेस की आंतरिक समस्या है।
उत्तराखंड में संविधान का बड़ा उल्लंघन: जेटली

उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ जब विधानसभा में गिरा कोई विनियोग विधेयक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पारित हुआ घोषित किया गया हो। केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि यह संविधान का बड़ा उल्लंघन है और इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।

परोक्ष रूप से राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत पर हमला बोलते हुए जेटली ने कहा कि आपने दी गई (बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दी गई) अवधि का इस्तेमाल लालच देने, रिश्वत देने के लिए किया। ये सब संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि कांगे्रस एक के बाद एक राज्यों में अपने कई नेताओं को खोती जा रही है क्योंकि वह ऐसे तरीके अपना रही है जो मुख्यधारा की किसी पार्टी को नहीं अपनाना चाहिए। वह कितना अवरोध पैदा कर सकती है, इससे सफलता मापी जाती है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार कांग्रेस के 9 विधायकों द्वारा बगावत करने के कारण संकट में है और मुख्यमंत्री हरीश रावत को कल यानी सोमवार तक अपना बहुमत साबित करना है। इससे पहले शनिवार की रात ऐसी खबर आई थी विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने इन सभी नौ विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी। रविवार को सभी निगाहें विधानसभा कार्यालय पर टिकी रहीं और इन विधायकों के वकील भी वहीं डेरा जमाए हुए हैं। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा आधिकारिक घोषणा के बाद उनके फैसले को तत्काल अदालत में चुनौती देने का रास्ता तलाशा जा रहा है।

 दूसरी ओर हरीश रावत के कथित स्टिंग की सीडी सामने आने के बाद केंद्रीय कैबिनेट की आपात बैठक शनिवार की रात प्रधानमंत्री निवास पर हुई मगर उसमें उत्तराखंड को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। आज इस बारे में कोई फैसला होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि नौ विधायकों की सदस्यता खारिज होने पर केंद्र वहां राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला भी कर सकता है।

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