राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि देश में किसी भी राजनीतिक दल को धर्म या जाति का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। खड़गे का यह बयान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दल लोगों के बीच विभाजन पैदा करते हैं और धर्म और जाति का राजनीतिकरण करते हैं।
खड़गे ने कहा, "भारत में किसी भी राजनीतिक दल को धर्म और जाति का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस धर्म या जाति का राजनीतिकरण नहीं करती है और यह आजाद का निजी विचार है।"
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजाद ने कहा था, "हर राजनीतिक दल लोगों और समाज को जाति और धर्म के आधार पर बांटता है। इसके अलावा, अगर कांग्रेस पार्टी भी ऐसी राजनीति कर रही है तो मेरी सलाह है कि ऐसा न करें।" उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और सभी राजनीतिक दलों को भारतीय संविधान के दायरे में काम करना चाहिए।
इसके अलावा शिवसेना नेता संजय राउत द्वारा असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के साथ संभावित गठबंधन के सुझाव को खारिज करने के कुछ दिनों बाद, राज्यसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पार्टी के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया है। एएनआई से बात करते हुए , खड़गे ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की 'बी-टीम' करार दिया।
आगे यह पुष्टि करते हुए कि कांग्रेस को गठबंधन का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है, उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन की रणनीति पार्टी के भीतर तय की जाती है। कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि एआईएमआईएम भाजपा के इशारे पर काम कर रही है और कहा कि ऐसी पार्टियों से सतर्क रहने की जरूरत है जो धर्मनिरपेक्ष दलों को हराने की कोशिश कर रही हैं।