लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्र लिखकर कहा है कि पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के मामले में सीवीसी की जांच रिपोर्ट और 10 जनवरी को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए ताकि जनता खुद निष्कर्ष पर पहुंच सके। साथ ही एम नागेश्वर राव की अंतरिम निदेशक के तौर पर नियुक्ति को अवैध बताते हुए नए निदेशक की नियुक्ति के लिए तत्काल सलेक्शन कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की है।
पत्र में कांग्रेस नेता खड़गे ने आलोक वर्मा के मामले में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि किस तरह वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाने के लिए सुनियोजित घटनाक्रम तैयार किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की चालाकी भरी कार्रवाई सीधे न्यायपालिका को गहरी शर्मिंदगी का कारण बना रही है।
'नहीं की गई जस्टिस पटनायक की रिपोर्ट साझा'
इससे पहले शनिवार को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि सरकार ने हाई पावर कमेटी के साथ जस्टिस एके पटनायक की रिपोर्ट को साझा नहीं किया था जबकि सुप्रीम कोर्ट ने एके पटनायक को आलोक वर्मा मामले में सीवीसी जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया था। खड़गे ने कहा कि अंतरिम निदेशक की नियुक्ति करने के लिए भी बैठक में कोई चर्चा नहीं की गई।
वर्मा को हटाए जाने का किया था विरोध
10 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी में आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था और उनका तबादला महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा के पद पर कर दिया गया था। कमेटी की बैठक में खड़गे ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने का विरोध किया था। इसके अगले दिन शुक्रवार को वर्मा ने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया। सीबीआई निदेशक के पद पर वर्मा का दो वर्षों का कार्यकाल आगामी 31 जनवरी को पूरा होने वाला था।