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मणिपुर घटना: हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 24 जुलाई तक स्थगित, राजनाथ सिंह बोले- 'विपक्ष गंभीर नहीं है'

मणिपुर में पिछले लगभग दो महीने से जारी हिंसा और दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र घुमाने की...
मणिपुर घटना: हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 24 जुलाई तक स्थगित, राजनाथ सिंह बोले- 'विपक्ष गंभीर नहीं है'

मणिपुर में पिछले लगभग दो महीने से जारी हिंसा और दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र घुमाने की शर्मनाक घटना को लेकर राज्यसभा और लोकसभा में अभी तक सही से चर्चा नहीं हो सकी है। दोनों ही सदनों में हंगामे के कारण कार्यवाही में अड़चनें आ रही हैं। अब लोकसभा की कार्यवाही को 24 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हैं।

बता दें कि लोकसभा की कार्यवाही को 24 जुलाई सुबह 11 बजे और राज्यसभा को आज दोपहर ढाई बजे तक इसलिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि दोनों ही सदनों में मणिपुर मुद्दे को लेकर हंगामा मचा हुआ था। इसी बीच, विपक्ष द्वारा लगातार पीएम मोदी से मांग की जा रही है कि वे सदन के बाहर के बजाय सदन के अंदर आकर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करें।

सदनों में हंगामे को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "मुझे लगता है, मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विपक्ष गंभीर नहीं है। सरकार तो इस मामले पर चर्चा चाहती है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं कहा कि राज्य में जो कुछ भी हुआ, उससे देश शर्मिंदा है और उन्होंने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। फिर भी अगर विपक्ष इस पर चर्चा नहीं करना चाहता तो इसका मतलब यही है कि वे गंभीर नहीं है ।''

भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा, "इस मामले पर संसदीय चर्चा होगी क्योंकि मणिपुर की घटना एक वीभत्स कृत्य था जो अवमानना का कारण बनता है और किसी भी महिला के खिलाफ इसका प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी भी इस पर बोल चुके हैं इसलिए उचित बातों का ध्यान रखा जाएगा।"

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "कल संसद सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने बयान दिया कि मणिपुर में जो हुआ उससे देश का सिर शर्म से झुक गया है। यह एक गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है जिससे राज्य गुजर रहा है, सभी समुदाय पीड़ित हैं...अपराधियों को पकड़ना होगा, कल कुछ गिरफ्तारियां की गई हैं और मुझे यकीन है कि इन लोगों को गिरफ्तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।"

संसद में हुए हंगामे पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ''स्पीकर जब भी निर्देश देंगे हम चर्चा के लिए तैयार हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अध्यक्ष और सभापति से आधिकारिक तौर पर कहा है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं। विपक्ष द्वारा नई-नई मांगें लाना और चर्चा को बाधित करना गलत है। महत्वपूर्ण बिल हैं और पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी संसद में व्यापक चर्चा करना चाहती है, लेकिन विपक्ष सिर्फ गलत कहानी गढ़ने और संसद की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश करता है।"

केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, "मैं विपक्ष से अपील करना चाहूंगा कि वे बार-बार अपना रुख न बदलें और राजनीति न करें क्योंकि यह महिलाओं, पूर्वोत्तर और सीमावर्ती राज्य के सम्मान से जुड़ा बहुत संवेदनशील मामला है। मुझे लगता है कि संसद सत्र चलना चाहिए क्योंकि हम इस मुद्दे को संबोधित करने और चर्चा करने के लिए तैयार हैं।"

इससे पहले भी मणिपुर की स्थिति पर दिन का अन्य कामकाज निलंबित कर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों के विरोध के बाद लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करने लगे। उन्होंने नारे भी लगाए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू किया और सदस्यों से अपनी सीट लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "क्या नारेबाजी से समस्याओं का समाधान निकलेगा। बातचीत और चर्चा से समाधान निकल सकता है। यह रास्ता सही नहीं है।" विपक्षी सांसद मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में बयान देने और उसके बाद पूरे दिन चर्चा की मांग कर रहे हैं। उन्होंने मणिपुर पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। विदित हो कि संसद का मानसून सत्र गुरुवार से शुरू हो गया था मगर गुरुवार को भी कोई खास चर्चा नहीं हो सकी।

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