केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की ओर से लोकसभा में वर्ष 2017-18 का बजट पेश करने के कुछ ही देर बाद राहुल ने पत्रकारों से कहा, हम उम्मीद कर रहे थे कि कुछ आतिशबाजी होगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह शेर-ओ-शायरी का बजट था। किसानों और युवाओं के लिए कुछ नहीं है, नौकरियां पैदा करने के बारे में कुछ नहीं है। कोई स्पष्ट दृष्टि नहीं है।
इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर जेटली की टिप्पणी पर निशाना साधा और कहा कि इस बात के कोई संकेत नहीं कि आखिर वित्त मंत्री को ऐसा क्यों लगता है कि नोटबंदी का असर अस्थायी होगा और इससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि प्रभवित नहीं होगी। जाने माने अर्थशास्त्री सिंह ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया फिलहाल नहीं जाहिर की और कहा कि इसमें बहुत सारी चीजें हैं और असर के बारे में बोल पाना बहुत मुश्किल है।
सिंह ने कहा, इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि वित्त मंत्री को ऐसा क्यों लगता है कि नोटबंदी का असर अस्थायी होगा और इससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, बजट में बहुत सारी चीजें हैं। इस बजट के असर के बारे में तुरंत प्रतिक्रिया जाहिर कर पाना बहुत मुश्किल है।
यह पूछे जाने पर कि क्या बजट का फोकस सही था, इस पर सिंह ने कहा, जहां तक फोकस की बात है योजना-गैर योजना का अंतर नहीं रहा। इसकी जगह राजस्व और पूंजी लाई गई है। यह देखना होगा कि अर्थव्यवस्था को यह कैसे प्रभावित करती है। भाषा