बसपा प्रमुख मायावती ने आज मोदी की गाजीपुर रैली के तुरंत बाद बुलाई प्रेस कांफ्रेंस में कहा, अपने गिरेबान में झांककर क्या मोदी इस बात का जवाब देंगे कि वे कितने दूध के धुले हैं। मायावती ने मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि दलित की बेटी नोटों की माला पहने, ये उन्हें हजम नहीं होता। मोदी खुद अपने गिरेबान में झांकें कि वो कितने दूध के धुले हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के मामले में आप कितने साफ-सुथरे हैं। उन्होंने कहा, अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान बंटाने के लिए मोदी विरोधी पार्टियों पर अनर्गल आरोप लगाते रहते हैं जो निन्दनीय है। नीतिगत आधार पर आरोप लगें तो ठीक है लेकिन व्यक्तिगत आरोप नहीं लगने चाहिए। एक दलित की बेटी को नोटों की माला पहनायी जाए, इनके गले के नीचे नहीं उतरता। मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठकर इतनी छिछोरी बात करेंगे तो समझ सकते हैं कि दलितों के मामले में मोदी की सोच बदली नहीं है। मायावती ने कहा कि बसपा के लोग अपनी नेता को काली कमाई के नोट से नहीं बल्कि खून पसीने की कमाई का थोड़ा थोड़ा धन एकत्र कर तब नोटों की माला पहनाकर अपनी नेता का स्वागत करते हैं। ये किसी से छिपा नहीं है। उत्तर प्रदेश में 2010 के दौरान एक रैली में मायावती को बसपा कार्यकर्ताओं ने नोटों की विशालकाय माला पहनाकर स्वागत किया था। उस समय वह राज्य की मुख्यमंत्री थीं।
रैली में मोदी के भाषण पर बरसते हुए मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गाजीपुर में पूरे भाषण के दौरान जो भी कहा, थोथा चना बाजे घना की तरह था। मोदी कहते हैं कि काली कमाई का आजादी के बाद से अब तक का हिसाब लेंगे, अच्छी बात है लेकिन काला धन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की आड़ में देश के करोड़ों आम लोगों को खुले आसमान के नीचे खड़ा होने पर मजबूर किया गया। इस भयावह स्थिति की किसी ने कल्पना नहीं की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने महाभ्रष्टाचारी ललित मोदी और विजय माल्या को देश से भगा दिया और 66 हजार करोड रूपये के काले धन को सफेद करा दिया। पांच सौ और हजार के नोट पर पाबंदी लगाकर देश के गरीबों, मजदूरों किसानों, कर्मचारियों, महिलाओं, बच्चों और मरीजों को भारी मुसीबत में डालकर घंटों खुले आसमान के नीचे खड़ा करवा कर गलत किया। देश की आम जनता को ऐसी कडी सजा क्यों। उन्होंने कहा कि देश की समस्त आर्थिक गतिविधियां बंद हो गई हैं। भारत बंद जैसी स्थिति बन गई है। अच्छे दिन की उम्मीद लगाए बैठे करोड़ों लोगों को काफी बुरे दिनों का सामना करना पड़ रहा है। मायावती ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने ढाई साल में चुनावी वायदे का एक चौथाई कार्य भी नहीं किया।