महागठबंधन की रैली में 24 साल बाद बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव एक मंच पर आए। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कभी पुराने प्रतिद्वंद्वी रहे सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के लिए वोट मांगे। उन्होंने कहा कि गेस्ट हाउस कांड को भुलाकर हम एक साथ आए हैं। कभी-कभी कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। मुलायम सिंह ने पिछड़े लोगों को जोड़ा है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह फर्जी पिछड़ी जाति के नहीं हैं।
मैनपुरी के क्रिश्चयन मैदान पर हुई इस रैली में मायावती ने कहा कि मुलायम ही पिछड़े वर्गों के असली नेता हैं। वह पीएम नरेंद्र मोदी की तरह फर्जी पिछड़े वर्ग के नेता नहीं है। नकली व्यक्ति पिछड़े वर्गों का भला नहीं कर सकता है। इस चुनाव में असली और नकली के बीच पहचान जरूरत है। नकली लोगों से धोखा खाने से बचे।
मायावती ने कहा कि उम्र को तकाजे को ध्यान में रखकर मुलायम जी ने फैसला लिया है कि जब तक आखिरी सांस है वह मैनपुरी की सेवा करते रहेंगे। यह मैनपुरी के सच्चे सेवक हैं, नरेंद्र मोदी की तरह नकली सेवक नहीं है। आप लोग मुलायम सिंह को जिताकर संसद भेजिए। उन्होंने कहा कि मोदी ने सत्ता का दुरुपयोग करके अपनी जाति को गुजरात में पिछड़ो में डलवाया था। अपनी गलत नीतियों के चलते भाजपा हाल के राज्यों के चुनाव में हारी है और अब ये चौकीदार की बात करते हैं। भाजपा के सारे चौकीदार मिलकर कितना ही जोर लगा लें, ये हार जाएंगे।
हमें एक मंच पर रहना होगाः मुलायम
इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने कहा कि बहुत दिनों के बाद हम और मायावती एक मंच पर हैं। यह बहुत खुशी की बात है। हमें एक मंच पर रहना होगा। मैनपुरी से हम बहुत बार चुनकर संसद गए हैं। यह हमारा घर है। अब आखिरी बार आपके कहने से मैं फिर लड़ रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं मायावती जी का सम्मान करता हूं। उनका एहसान है कि वह हमारे बीच आई हैं और अपने कार्यकर्ताओं से हमेशा उनका सम्मान करने की अपील करता हूं। मायावती जी ने हमारी कई बार मदद की है।
मोदी कागजों पर पिछड़े हैंः अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि नेताजी रिकॉर्ड तोड़ वोटों से जीतेंगे। मायावतीजी को दिल से धन्यवाद। ये ऐतिहासिक क्षण है। मायावती जी का नेता जी बहुत सम्मान करते हैं। हमारे देश के किसान दुखी हैं। लोगों के साथ धोखा हुआ। देश अभी बहुत नाजुक दौर से गुजर रहा है। नौजवानों का भविष्य खतरे में है। हमें नया प्रधानमंत्री बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कागजों में पिछड़े हैं और हम और आप लोग वास्तव में पिछड़े हैं। फैसला आपको करना है कि लोगों की भलाई के लिए क्या ठीक है।