मेघालय में सभी पांच कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (एमडीए) में शामिल होने का फैसला किया। राज्य में भाजपा के समर्थन वाले एमडीए गठबंधन की सरकार है। इसे विपक्षी कांग्रेस को 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले ये बड़ा झटका माना जा रहा है।
एमडीए में कांग्रेस छोड़कर आए पांच विधायकों में सीएलपी नेता अंपारीन लिंगदोह, मायरलबोर्न सिएम, मोहेंड्रो रापसांग, किम्फा मारबानियांग और पीटी सॉकमी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को पांचों विधायकों ने बैठक की थी और उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को एक हस्ताक्षरित पत्र सौंपा। मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस राजनीतिक दलों का एक गठबंधन है, जिसने 2003 के विधानसभा चुनाव के बाद मेघालय में सरकार बनाई थी। उस समय इसकी अध्यक्षता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने की थी।
कांग्रेस छोड़ने वाले विधायक अम्पारीन लिंगदोह ने कहा कि हमें धोखा मिला जिस पर हमने ये कदम उठाया है। हम इन पांचों विधायक को बचा रहे हैं, क्योंकि हम ऐसा नहीं करेंगे तो हम मुसीबत में पड़ेंगे। जनता ने हमें जीत दिलाई है।
कांग्रेस के पास मेघालय में 17 विधायक थे। इनमें से 12 टीएमसी के साथ चले गए थे और अब पांच विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है। मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा भी पार्टी छोड़ने वाले विधायकों में शामिल थे। मेघालय कांग्रेस का गढ़ रहा है और मुकुल संगमा ने 2010 और 2018 के बीच सीएम के रूप में कार्य किया। लेकिन कांग्रेस के भीतर परेशानी पिछले साल अगस्त में और बढ़ गई जब शिलांग के सांसद विसेंट पाला को मुकुल संगमा को दरकिनार करते हुए मेघालय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। टीएमसी अब 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल है।
पिछले विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन अपनी सरकार नहीं बना सकी। बीजेपी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस की सहयोगी एनपीपी ने एमडीए बनाया और कांग्रेस से सत्ता छीन ली।