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यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने पद से दिया इस्तीफा

विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। समाचार...
यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने पद से दिया इस्तीफा

विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एमजे अकबर ने जारी किए गए अपने बयान में कहा, ‘चूंकि मैंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर कोर्ट में न्याय पाने का फैसला किया है, मुझे यह सही लगता है कि मैं अपना पद छोड़ दूं और मेरे खिलाफ लगाए गए गलत आरोपों को व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर चुनौती दूं। इसलिए मैंने अपना इस्तीफा विदेश मंत्रालय को सौंप दिया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया।‘

इससे पहले एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के समर्थन में 20 महिला पत्रकार सामने आई थीं। ये सभी पत्रकार ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर चुकी हैं। अकबर की ओर से रमानी को मानहानि का नोटिस भेजे जाने पर इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान में रमानी का समर्थन करने की बात कही और अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उन्हें सुना जाए।

‘अकबर के खिलाफ हमारे बयानों को सुना जाए’

इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान में रमानी का समर्थन करने की बात कही और अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उनके बयानों को सुना जाए। उन्होंने दावा किया कि उनमें से कुछ का अकबर ने यौन उत्पीड़न किया और अन्य महिलाएं इसकी गवाह हैं।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पत्रकारों ने अपने हस्ताक्षर वाले संयुक्त बयान में कहा, ‘रमानी अपनी लड़ाई में अकेली नहीं है। हम मानहानि के मामले में सुनवाई कर रही माननीय अदालत से आग्रह करते हैं कि एमजे अकबर के हाथों हममें से कुछ के यौन उत्पीड़न को लेकर और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं की गवाही पर विचार किया जाए जो इस उत्पीड़न की गवाह थीं।’

जानें इनमें कौन-कौन सी महिलाएं हैं शामिल

बयान पर दस्तखत करने वालों में मीनल बघेल, मनीषा पांडेय, तुषिता पटेल, कणिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार बादाम, होइहनु हौजेल, आयशा खान, कुशलरानी गुलाब, कनीजा गजारी, मालविका बनर्जी, एटी जयंती, हामिदा पार्कर, जोनाली बुरागोहैन, मीनाक्षी कुमार, सुजाता दत्ता सचदेवा, रेशमी चक्रवाती, किरण मनराल और संजरी चटर्जी शामिल हैं। डेक्कन क्रॉनिकल की एक पत्रकार क्रिस्टीना फ्रांसिस ने भी इस बयान पर हस्ताक्षर किए हैं।

‘राजनीतिक षडयंत्र बताते हुए अकबर ने खारिज किया आरोप’

इससे पहले एमजे अकबर द्वारा आपराधिक मानहानि का नोटिस भेजने के कुछ घंटे बाद ही रमानी ने एक बयान जारी कर कहा था, 'सत्य और पूर्ण सत्य ही उनका इसके खिलाफ एकमात्र डिफेंस है। मैं इस बात से बेहद दुखी हूं कि केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों को राजनीतिक षडयंत्र बताते हुए खारिज कर दिया’।

रमानी ने कहा, ‘मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला बनाकर अकबर ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है। अपने खिलाफ कई महिलाओं द्वारा लगाए गए गंभीर अपराधों पर सफाई देने की बजाए वह उनको धमकाकर और प्रताड़ित कर चुप कराने की कोशिश करते दिख रहे हैं।'

रमानी के खिलाफ अकबर ने दर्ज की मानहानि की शिकायत

केंद्रीय राज्यमंत्री अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए सोमवार को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी।

अकबर का पत्रकारिता से राजनीति तक का सफर

दैनिक अखबार ‘द टेलीग्राफ’ और पत्रिका ‘संडे’ के संस्थापक संपादक रहे अकबर 1989 में राजनीति में आने से पहले मीडिया में एक बड़ी हस्ती के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और सांसद बने थे। अकबर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य अकबर जुलाई 2016 से विदेश राज्यमंत्री पद पर रहे।

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