कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव के समय ही पेट्रोल डीजल के दामों पर विचार के लिए समय मिलता है और चुनाव खत्म होते ही उनकी सरकार इससे कमाई करने में जुट जाती है। अब जब पांच राज्यों की विधानसभा के चुनाव हैं तो मोदीजी को इनके दामों को लेकर फिर चिंता सताने लगी है। लगता है केंद्र सरकार को आम आदमी और किसानों की परेशानियों से कोई लेना नहीं है।
एक प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा कि अब पीएम कुछ फर्जी कंपनियों के साथ बैठक कर पेट्रोल डीजल के दामों पर विचार कर रहे हैं जबकि दाम सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। आखिर क्या कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव के समय ही पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर विचार करने की फुर्सत मिलती है और चुनाव खत्म होते ही उनकी सरकार इससे कमाई करने में जुट जाती है। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल से लगातार पेट्रोल डीजल के दाम बढाकर मोदी सरकार ने 13 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम कम लेकिन लोगों को लाभ नहीं
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके दाम बहुत कम हैं लेकिन मोदी सरकार उसका फायदा जनता को नहीं दे रही है बल्कि इससे कमाई कर रही है। यह पैसा कहां खर्च किया जा रहा है इसका कहीं कोई हिसाब नहीं है। 16 मई 2014 को जब केंद्र में भाजपा सरकार आई थी जो प्रति बैरल कीमतों थी वह अब घट गई हैं लेकिन लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया।
चुनाव के समय नहीं बढ़ाए दाम
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सिर्फ चुनाव जीतने के लिए ही पेट्रोल डीजल की बात करते हैं। इस बारे में उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि जब वहां मतदान होना था तो 17 दिन तक तेल के दाम नहीं बढाए गए लेकिन चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल डीजल के दाम बढा दिए गए थे। इससे पहले गुजरात चुनाव के दौरान भी मामूली कमी कर दी गई। अब जब पांच राज्यों में चुनाव हैं तो फिर से दाम घटाए गए लेकिन नौ दिन में यह दाम फिर से जस के तस वहीं आ गए हैं जहां इन्हें घटाया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और मोदी सरकार को इस पर चर्चा करने की याद आ गई है। सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। कुछ दिन पहले पेट्रोल डीजल के दाम मामूली रूप से घटाए गए लेकिन अब नौ दिन बाद इसे बढा दिया गया है।