पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का पांच साल का कार्यकाल 'शासन और जवाबदेही की विफलता' की दुखद कहानी थी। अब उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जाना जरूरी है। उनका यह कार्यकाल भारत के युवाओं, किसानों, व्यापारियों और हर लोकतांत्रिक संस्था के लिए 'सर्वाधिक त्रासदीपूर्ण’ और ‘विनाशकारी’ रहा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के दिए एक इंटरव्यू में आर्थिक सुधारों के आर्किटेक्ट कहे जाने वाले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को काफी चिंताजनक स्थिति में लाकर छोड़ दिया है और देश अब आर्थिक मंदी की तरफ बढ़ रहा है। लोग हर रोज की बयानबाजी से परेशान हो गए हैं, उन्हें एक समाधान चाहिए था जो नहीं मिल सका है।
'नोटबंदी बड़ा स्कैम'
पूर्व पीएम ने कहा कि मौजूदा सरकार सबके विकास में विश्वास नहीं करती है और यह लोगों के बीच नफरत पैदा करके सरकार में बने रहना चाहती है। नोटबंदी को स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा स्कैम बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में तमाम भ्रष्टाचार हुए हैं। यह संयोग ही है कि मनमोहन सिंह की 10 साल की सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार पर ही भाजपा ने अपना कैंपेन तैयार किया था। साल 2014 के चुनाव में भाजपा ने बड़े पैमाने पर ऐसे कैंपेन चलाए और यूपीए को घेरा था।
'लोगों में एक खामोश लहर'
उन्होंने देश में मोदी लहर को सिरे से खारिज करते हुए कहा, 'भाजपा के बड़बोलेपन और भ्रांति के खिलाफ लोगों में एक खामोश लहर है।'
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना बुलाये पाकिस्तान जाने से लेकर आतंकवादी हमले की जांच के सिलसिले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को पठानकोट हवाई ठिकाने पर आमंत्रित करने की पाकिस्तान पर मोदी की लापरवाहीपूर्ण नीति असंगत है।
पुलवामा हमले पर भी सवाल
लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवाद और आतंकवाद के मुद्दों पर भाजपा का ध्यान केन्द्रित करने के प्रयास पर पूर्व प्रधानमंत्री ने मोदी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह 'दुख की बात है कि पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता करने की बजाय पीएम मोदी जिम कॉर्बेट पार्क में 'फिल्मों की शूटिंग कर रहे थे।' पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। उन्होंने दावा किया कि पुलवामा में खुफिया विभाग की नाकामी आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों का खुलासा करती है।
'बढ़ी आतंकी घटनाएं'
मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी सरकार का रिकॉर्ड निराशाजनक है क्योंकि आतंकवाद की घटनाएं तेजी से बढ़ी है। मोदी के राष्ट्रवाद के विमर्श पर उन्होंने कहा, 'सौ बार बोला गया कोई झूठ सच नहीं हो जाता है।' उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालोंमें केवल जम्मू कश्मीर में ही आतंकवादी हमलों की घटनाओं में 176 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाएं एक हजार फीसदी का इजाफा हुआ है।
पूर्व पीएम ने आरोप लगाया, 'बैंकों से धोखाधड़ी करके देश से भागने वाले घोटालेबाजों और उच्च राजनीतिक पदों पर बैठे लोगों के बीच निश्चित तौर पर साठगांठ है।'