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मुख्तार अब्बास नकवी- पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में एकमात्र मुस्लिम चेहरा

भारतीय जनता पार्टी का अल्पसंख्यक चेहरा कहलाने वाले मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को दूसरी बार...
मुख्तार अब्बास नकवी- पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में एकमात्र मुस्लिम चेहरा

भारतीय जनता पार्टी का अल्पसंख्यक चेहरा कहलाने वाले मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को दूसरी बार नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री के तौर पर शपथ ली। इस बार नकवी को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। राजनैतिक-सामाजिक क्षेत्र में महात्मा गांधी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, जयप्रकाश नारायण, डॉ राम मनोहर लोहिया, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी से प्रभावित रहे नकवी इस सिद्धांत पर यकीन करते हैं कि,  ‘सीखना कभी बंद नहीं होना चाहिए, क्योंकि जीवन का हर अध्याय एक सबक है।’

हज कोटे को बढ़वाने में नकवी का अहम योगदान

नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे मुख्तार अब्बास नकवी ने देश के हज कोटे को बढ़वाने में अहम योगदान दिया। मंत्रालय के प्रयासों के फलस्वरूप सऊदी अरब ने 2019 के लिए भारत के वार्षिक हज कोटे में 25 हजार की वृद्धि की। इंडोनेशिया के बाद भारत का हज कोटा सबसे ज्यादा रखा गया है। वर्ष 2019 में पाकिस्तान से भी ज्यादा भारत के करीब दो लाख यात्री हज कर सकेंगे। हज यात्रा पर जाने वालों में बिना "मेहरम" (पुरुष रिश्तेदार) के हज पर जाने वाली 2340 मुस्लिम महिलाएं भी शामिल होंगी।

पिछली सरकार में थे तीन मुस्लिम मंत्री

मोदी सरकार में पिछली बार तीन मुस्लिम मंत्री थे। इसमें मुख्तार अब्बार नकवी (राज्य सभा सांसद), एमजे अकबर (राज्यसभा सांसद), नेजमा हेपतुल्ला (राज्य सभा सांसद) मंत्री थे। एमजे अकबर पर #MeToo का आरोप लगा, जिसके बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। नेजमा हेपलुल्ला वर्तमान में मणिपुर की गवर्नर हैं।  

 

मुख्तार अब्बास नकवी ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी बखूबी निभाई और 2019 के लोकसभा चुनाव में पर्दे के पीछे रहकर बीजेपी की रणनीति को जबरदस्त धार दी। यही वजह है अब फिर से नकवी को कैबिनेट में शामिल किया गया है। 

जब जेल में नजरबंद किए गए नकवी

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के एक सामान्य परिवार में 15 अक्टूबर 1957 को जन्मे नकवी 1975 में आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण के "संपूर्ण क्रांति" आंदोलन में सक्रिय रहे और मात्र 17 वर्ष की उम्र में "मीसा-डी.आई.आर" में जेल में नजरबन्द किए गए।

लोकतान्त्रिक मूल्यों एवं सामाजिक सरोकार को लेकर कई आंदोलनों-अभियानों में सक्रिय रहे नकवी ने मास कम्युनिकेशन में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया। बीजेपी उम्मीदवार के रूप में अब तक दो विधानसभा (1991, 1993) एवं तीन लोकसभा (1998, 1999, 2009) चुनाव लड़ चुके नकवी 1998 में उत्तर प्रदेश की रामपुर संसदीय सीट से भाजपा के पहले मुस्लिम लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। वह 2002, 2010, 2016 में राज्यसभा सदस्य चुने गए।

वाजपेयी सरकार में सूचना प्रसारण एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री रहे नकवी

1998 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना प्रसारण एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री रहे नकवी के कार्यकाल में डायरेक्ट टू होम प्रसारण व्यवस्था एवं भारतीय फिल्म क्षेत्र को उद्योग का अधिकृत दर्जा देने जैसे अहम फैसले किए गए।

पहले कार्यकाल में संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री रहे थे नकवी

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मिला। अपने सरल, मिलनसार स्वभाव के लिए लोकप्रिय नकवी ने राज्यसभा में सरकार के अल्पमत में होने के बावजूद विपक्ष के साथ संपर्क-संवाद-समन्वय बनाकर महत्वपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक संपन्न कराए।

कई अहम भूमिका निभा चुके हैं नकवी

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान केंद्रीय चुनाव प्रबंधन-समन्वय के प्रमुख, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य एवं पार्टी की चुनाव सुधार समिति के अध्यक्ष के रूप में कई अहम एवं चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके नकवी कई राज्यों के संगठन प्रभारी भी रह चुके हैं।

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