ललित मोदी की मदद किए जाने का खुलासा होने के बाद कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाते हुए सुषमा स्वराज का इस्तीफा मांगा। यहां तक कि भाजपा के कुछ नेताओं ने भी इस खुलासे पर पार्टी की अंदरुनी राजनीति का हिस्सा बतायां उसके बाद सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा तेज हो गई कि शायद सुषमा स्वराज को इस्तीफा देना पड़े।
लेकिन भाजपा सूत्रों के मुताबिक सरकार सुषमा पर किसी प्रकार की कार्रवाई करने के पक्ष में नजर नहीं आ रही है। इसका कारण साफ है कि इससे विपक्षी दलों को मौका मिला जाएगा। सूत्र बताते हैं कि जब समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने सुषमा का समर्थन किया तो इससे एक बात साफ हो गई कि मामला बहुत ज्यादा तूल पकड़ने वाला नहीं है। भाजपा के एक नेता ने आउटलुक से बातचीत में स्वीकार भी किया कि किस बात की कार्रवाई करें। सुषमा ने कुछ भी गलत नहीं किया।
कुछ भाजपा नेताओं ने इस प्रकार की टिप्पणी भी की कि सुषमा स्वराज अंदरुनी राजनीति का शिकार हुई है। इस बात को पार्टी के कई नेता खारिज भी कर रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी मंगलवार को साफ कर दिया कि सुषमा स्वराज नेक इरादे से काम किया। जेटली ने कहा सारे आरोप बेबुनियाद हैं और पूरी पार्टी एकजुट हैं।