कांग्रेस सोनिया को 50-50 हजार रुपये के पर्सनल बांड और इतनी ही राशि की गारंटी पर जमानत दी गई है। इस मामले के तीन अन्य अन्य आरोपियों मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे एवं ऑस्कर फर्नांडीज को भी जमानत दे दी गई है। एक अन्य आरोपी सैम पित्रोदा अदालत में पेश नहीं हुए इसलिए उनकी जमानत मंजूर नहीं की गई। कांग्रेस नेताओं के वकील सिब्बल ने बताया कि मामले में गारंटी को छोड़कर जमानत की और कोई शर्त नहीं लगाई गईहै और मामले की अगली सुनवाई अब अगले वर्ष 20 फरवरी को होगी। सिब्बल ने यह भी बताया कि मामले के याचिकाकर्ता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इन आरोपियों को जमानत दिए जाने का विरोध किया और बाद में यह मांग भी की कि ये नेता देश छोड़कर जा सकते हैं इसलिए इनके पासपोर्ट जब्त किए जाएं मगर मजिस्ट्रेट ने उनकी बात नहीं मानी। सिब्बल ने बताया कि पित्रोदा को मेडिकल आधार पर आज कोर्ट में पेशी से छूट दी गई है। बताया जाता है कि कोर्ट ने सोनिया और राहुल से कोई सवाल नहीं पूछा और इन्होंने भी अपनी ओर से कोई बात नहीं कही। दूसरी ओर स्वामी ने सुनवाई के बाद ट्वीट किया कि कांग्रेस नेताओं ने अगली पेशी पर हाजिर होने से छूट मांगी मगर जज ने इसे मंजूर नहीं किया। हालांकि कांग्रेस नेताओं की ओर से कहा गया है कि ऐसे मांग नहीं की गई थी। तीन बजे से कुछ पहले शुरू हुई मामले की सुनवाई चंद मिनटों में ही पूरी हो गई। सोनिया गांधी की ओर से मनमोहन सिंह ने जबकि राहुल गांधी की तरफ से उनकी बहन प्रियंका ने बेल बांड भरा।
गौरतलब है कि स्वामी ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा अन्य आरोपियों ने यंग इंडियन नामक कंपनी बनाकर नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति हड़प ली है। इस मामले में सोनिया और राहुल की निचली अदालत में पेशी से छूट देने की मांग करने वाली याचिका पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने संसद में भी हंगामा किया था।
सोनिया-राहुल को जमानत मिलने के बाद कांग्रेस नेताओं में उत्साह है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि यह तो होना ही था। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस मामले में केंद्र सरकार पर बदले की कार्रवाई का आरोप दोहराते हुए कहा कि अगर सरकार राजनीतिक बदले की कार्रवाई में शामिल नहीं है तो सुब्रह्मण्यम स्वामी को जेड श्रेणी की सुरक्षा और कल ही उन्हें एक कैबिनेट मंत्री का बंगला क्यों दिया गया। स्वामी हेराल्ड मामले में शिकायतकर्ता हैं। सुरजेवाला ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी और नेतृत्व का न्यायपालिका और उसकी प्रक्रिया में पूरा भरोसा है और हम अदालत में कानूनी लड़ाई लडेंगे। उन्होंने कहा, हम कानून के मुताबिक कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और मोदी सरकार के साथ राजनीतिक लड़ाई को संसद से लेकर सड़क तक लड़ेंगे।