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पार्टी सूत्रों का दावा, अगले 48 घंटे राजस्थान में कांग्रेस के लिए अहम; संकट में गहलोत सरकार

कांग्रेस की अगुवाई वाली राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में बगावत के सुर गूंजने लगे...
पार्टी सूत्रों का दावा, अगले 48 घंटे राजस्थान में कांग्रेस के लिए अहम; संकट में गहलोत सरकार

कांग्रेस की अगुवाई वाली राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में बगावत के सुर गूंजने लगे हैं। गहलोत ने करीब एक महीने पहले राज्य में विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाया था कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। अब खुद राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पार्टी में बगावत कर दिया है। सबसे पहले शनिवार की देर रात सचिन पायलट सीएम गहलोत द्वारा बुलाई गई कैबिनेट बैठक में हिस्सा नहीं लिया और जयपुर से दिल्ली पहुंच गए। पायलट के समर्थन में करीब दर्जनभर से अधिक विधायक हैं, जो इस वक्त दिल्ली में हैं। सूत्रों का दावा है कि अगले 48 घंटे राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के लिए अहम हैं। वहीं, पार्टी सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि अगले 24 घंटों के भीतर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मामले में हस्तक्षेप कर सकती हैं।

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इसी तरह की राजनीतिक उठा-पटक मध्य प्रदेश में बीते मार्च के महीने में हुई थी जब ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकाें ने इस्तीफा दे दिया था और पार्टी छोड़ दी थी। जिसके बाद सभी भाजपा में शामिल हो गए और कांग्रेस की अगुवाई वाली कमलनाथ की सरकार गिर गई। हालांकि, कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि राजस्थान में उतनी बुरी स्थिति अभी उत्पन्न नहीं हुई है जितनी मध्य प्रदेश में थी।

राज्य की विधानसभा में कुल दो सौ सीटें हैं। इसमें से कितने विधायक गहलोत खेमे के समर्थक हैं, इसी के मुताबिक राज्य में गहलोत सरकार पर संकट कम हो सकता है। कांग्रेस के करीब 19 विधायक पायलट समर्थक हैं। भाजपा के पास अभी 72 विधायक है। यदि सचिन पायलट अपना पाला बदलते हैं तो उनके समर्थक के पार्टी बदलने की संभावना है। हालांकि, गहलोत खेमे का कहना है कि इनमें से कुछ बागी कांग्रेस और सीएम से संपर्क में हैं। इनके पार्टी छोड़ने की संभावना नहीं है।  

 

 

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