राजस्थान में सियासी हलचल जारी है। इस बीच राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने पार्टी प्रमुख से मिलने के लिए समय मांगा है। यह जानकारी सूत्रों के हवाले से रविवार को मिली है। वहीं विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को ही एटीएस और एसओजी की ओर से पूछताछ का नोटिस भेज दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि पायलट के खेमे के करीब एक दर्जन विधायक एनसीआर-दिल्ली क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर ठहरे हुए हैं। पायलट शनिवार को दिल्ली आए।
इस बीच, सचिन पायलट पार्टी में अपने दोस्तों सहित किसी भी कांग्रेसी नेता के फोन कॉल नहीं ले रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने शनिवार देर रात कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल के साथ बात की।
दूसरी ओर, गहलोत खेमे का दावा है कि मुख्यमंत्री के पास राज्य विधानसभा में आवश्यक संख्या में 103 विधायकों और उनकी सरकार का समर्थन है।
सूत्रों के अनुसार, पायलट खेमे के सदस्य माने जाने वाले विधायक पी. आर. मीणा ने राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार द्वारा उनसे किए जाने वाले सौतेले व्यवहार से सोनिया गांधी को अवगत कराने के लिए उनसे मिलने की मांग की थी।
इसी बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार देर रात जयपुर में अपने आधिकारिक आवास पर अपने मंत्रियों की बैठक बुलाई और सभी पार्टी विधायकों को उन्हें समर्थन पत्र देने को कहा। इस कार्य के लिए वरिष्ठ मंत्रियों को चुना गया है।
हालांकि पायलट खेमे के मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए।
सूत्रों ने कहा कि गहलोत ने सोनिया गांधी, राजस्थान पार्टी मामलों के प्रभारी अविनाश पांडे और कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल को अपने राज्य के घटनाक्रम से अवगत कराया।
गौरतलब है कि सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया था कि उनके विधायकों को लालच देकर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। सीएम गहलोत ने इस मामले की जांच के लिए एसओजी का गठन किया था और जो उनके ही अधीन है। इस संबंध में सीएम गहलोत और पायलट के बयान भी दर्ज किये जाएंगे।