राजधानी दिल्ली में शनिवार को यानी आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक होनी है। गवर्निंग काउंसिल में सभी राज्यों राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। हालांकि इस बैठक को लेकर जमकर सियासत भी हो रही है। केंद्रीय बजट को राज्यों के खिलाफ बताते हुए I.N.D.I.A. ब्लॉक वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मीटिंग का बहिष्कार किया है। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल हो रही हैं। इंडिया गठबंधन के एक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी आज की नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कई विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए बैठक के बहिष्कार का ऐलान किया है। बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्रियों में तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली पंजाब और दिल्ली सरकार शामिल हैं। इसके अलावा कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने भी बैठक में शामिल न होने का फैसला किया है।
इसके उलट पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी बैठक में शामिल होंगी। बनर्जी ने कहा कि इन नेताओं की आवाज को एक साझा मंच पर उठाया जाना चाहिए। इसके साथ ममता ने मांग की कि नीति आयोग को खत्म कर देना चाहिए और फिर से योजना आयोग को फिर से बहाल किया जाना चाहिए।
ममता बनर्जी ने कहा है कि वह नीति आयोग की मीटिंग में बंगाल की प्रॉब्लम्स और जरूरतों को रखेंगी। अगर उनकी बात सुनी गई तो ठीक, नहीं तो वह मीटिंग बीच में ही छोड़कर बाहर निकल जाएंगी। दिल्ली में ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के साथ मीटिंग की फिर अरविंद केजरीवाल के घर जाकर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल से भी मिलीं। इसके बाद ममता ने कहा कि वह नीति आयोग की मीटिंग में जाएंगी जरूर लेकिन उनकी राय है कि नीति आयोग को भंग कर देना चाहिए क्योंकि इसके पास कोई अधिकार नहीं है।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने एक बार फिर आवाज उठाई है कि इस नीति आयोग को बंद करो। उनके पास कोई वित्तीय अधिकार नहीं है। वे कुछ नहीं कर सकते हैं। वे साल में एक बार बैठक बुला लेते हैं, ताकि अपना चेहरा दिखा सकें। कृपया योजना आयोग को दोबारा ले आएं। योजना आयोग को देश का वास्तविक मूलभूत ढांचा होना चाहिए, जैसे वे पहले किया करते थे। ये नेताजी सुभाष चंद्र बोस की योजना थी, और आज़ादी के बाद से इस योजना आयोग ने देश और राज्यों के लिए बहुत काम किया है।’
कांग्रेस और विपक्षी मुख्यमंत्रियों द्वारा आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर बीजेपी नेता सीआर केसवन ने कहा, "अवरोधक विपक्ष अपने शर्मनाक बहिष्कार के साथ, खतरनाक, विभाजनकारी संघवाद में लिप्त है। वे सहकारी संघवाद की मूल भावना को धोखा दे रहे हैं, भलाई को नष्ट कर रहे हैं और संबंधित राज्यों और लोगों को राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश करके उनके हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह न केवल गैर-जिम्मेदाराना या अस्थिर है, विपक्ष का व्यवहार अलोकतांत्रिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुटिल कांग्रेस तथा INDI गठबंधन के बीच बुनियादी अंतर यह है। प्रधानमंत्री के लिए 'देश' पहले है लेकिन INDI गठबंधन के लिए नफरत सबसे पहले आती है। जबकि प्रधानमंत्री मतभेदों को दूर करने और यह सुनिश्चित करने के लिए आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे लोगों की भलाई सुरक्षित है, विपक्ष व्यवधान और विभाजन की टकरावपूर्ण और नकारात्मक राजनीति खेल रहा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है..."।
नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश भवन से रवाना होने के पहले मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा, ''आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नीति आयोग की बैठक होने जा रही है, मैं इसमें शामिल होने जा रहा हूं और जैसा कि हमने देखा है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जिस प्रकार से पूरे देश पर ध्यान दिया जा रहा है, दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है। मध्य प्रदेश भी आगे बढ़ना चाहता है, इसी वजह से मैं प्रदेश की ओर से इस बैठक में शामिल हो रहा हूं... हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सभी काम सफलता की ओर आगे बढ़ेंगे।"
बैठक में हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र सदन से रवाना होने से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, " आज नीति आयोग के बैठक में विकसित भारत 2047 के विषय पर पीएम मोदी की अध्यक्षता में चर्चा होगी। महाराष्ट्र के विकास पर भी चर्चा होगी, केंद्र सरकार के सहयोग के बारे में और पीएम मोदी ने 2047 में विकसित भारत बनाने का जो संकल्प लिया है उसको पूरा करने के लिए हमारा राज्य काम कर रहा है....हमारे बजट में कई कल्याणकारी याजनाएं हैं।"
इसी बीच बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद सस्मित पात्रा ने विपक्षी दलों के नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के निर्णय का समर्थन किया है और केंद्र पर राज्यों को बजट में उनका हिस्सा देने से इनकार करने का आरोप लगाया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सांसद महुआ मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के हितों का ध्यान रखते हुए फैसला करेगी।