मोदी ने राहुल का नाम लिए बगैर कहा, उनके पास एक युवा नेता है जो अभी भाषण देना सीख रहा है। जब से उन्होंने भाषण देना सीखा है, मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। 2009 में आप यह तक नहीं बता सकते थे कि इस जेब के अंदर क्या है और क्या नहीं है। अब हम पा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, वह धमकी देते फिर रहे हैं कि अगर उन्होंने बोला तो भूकंप आ जाएगा। अगर, उन्होंने नहीं बोला होता तो भूकंप आ गया होता। यह ऐसा भूकंप होता जिसे लोगों ने 10 साल तक झेला है। मोदी ने कहा, अब वह बोल चुके हैं तो किसी भूकंप का कोई चांस नहीं है। हम आश्वस्त हो सकते हैं कि किसी प्राकृतिक विपदा का कोई खतरा नहीं दिख रहा। उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले राहुल ने आरोप लगाया था कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने सहारा और बिड़ला समूह से धन लिया था। भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों को निराधार, शर्मनाक और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए उसका खंडन किया था।
नोटबंदी के मुद्दे पर संसद को बाधित करने के मुद्दे पर विपक्ष पर तीखा वार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आरोप लगाया कि विपक्षी दल भ्रष्ट लोगों को बचाने की कोशिश उसी प्रकार कर रहे हैं, जैसे पाकिस्तान आतंकवादियों को सीमा पार करवाने के लिए कवर फायर करता है। मोदी ने कहा कि नोटबंदी कालेधन के साथ-साथ कई लोगों के काले मन को भी उजागर कर देगा। मोदी ने कहा, कई लोग कहते हैं कि मैंने इस बड़े कदम के परिणामों के बारे में नहीं सोचा था। वास्तव में मैं इस एक चीज के बारे में नहीं सोच पाया था कि किस निर्लज्जता के साथ कुछ राजनीतिक दल और नेता भ्रष्ट लोगों का बचाव करने आगे आएंगे। लेकिन मैं खुश हूं कि काले धन के खात्मे के उद्देश्य के साथ शुरू किए गए इस अभियान ने कई काले मन भी बेपर्दा कर दिए हैं। बीते आठ नवंबर को 500 और 1000 रूपए के नोट बंद करने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र की पहली यात्रा पर आए प्रधानमंत्री बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के परिसर के भीतर आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे।
मोदी ने नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोलते रहे विपक्षी दलों को बेशर्मी के साथ भ्रष्ट और बेईमान लोगों के पक्ष में खड़ा बताते हुए उनपर निशाना साधा। मोदी ने विपक्ष के लोगों द्वारा संसद के हालिया सत्र की कार्यवाही को बाधित किए जाने की तुलना पाकिस्तान की ओर से सीमा पर की जाने वाली उस गोलीबारी से की, जो वह घुसपैठियों को कवर देने के लिए करता है।
मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के नेताओं- राहुल गांधी एवं पी. चिदंबरम पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उनकी दलील है कि गरीबी, निरक्षरता और देश के गांवों तक बिजली न पहुंचने के कारण नकदी रहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना व्यर्थ है। उनकी यह दलील उनके अपने ही रिपोर्ट कार्ड को खोलकर रख देती है। मनमोहन सिंह की ओर से संसद में यह कहे जाने पर कि 50 प्रतिशत से अधिक गरीब जनसंख्या वाले देश में नकदी रहित अर्थव्यवस्था व्यवहार्य नहीं है, मोदी ने कहा, मैं इस बात पर हैरान हूं कि क्या वह खराब स्थिति को स्वीकार करके अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे थे? मोदी ने कहा, आखिर वह दो बार प्रधानमंत्री और एक बार वित्त मंत्री रह चुके हैं। 1970 के दशक से वह प्रमुख पद संभाल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर यह कहने के लिए निशाना साधा कि भारत के लगभग आधे गांवों में बिजली की व्यवस्था न होने के कारण ऑनलाइन लेनदेन को व्यापक स्वीकार्यता नहीं मिल सकी। मोदी ने कहा, वह किसकी गलतियों को गिना रहे हैं? क्या मैंने बिजली वाले गांवों से बिजली के खंभे उखाड़ लिए या तारें काट लीं? उन्होंने राहुल गांधी के इस दावे पर भी चुटकी ली कि कार्ड, ऑनलाइन हस्तांतरण आदि में कम साक्षरता के कारण बाधाएं आएंगी। मोदी ने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि वह यह न कहें कि मैंने कुछ काला जादू करके उन लोगों को निरक्षर बना दिया है, जो लिखना-पढ़ना जानते थे।
उन्होंने कहा, वह (राहुल) बोलने से पहले कभी सोचते नहीं हैं और उन्हें यह अहसास भी नहीं हुआ होगा कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के लंबे शासन की विफलता को स्वीकार कर लिया है। खुद को काशी का बच्चा कहते हुए मोदी ने कहा, फिर भी, मैं यह देखकर खुश हूं कि इस पवित्र भूमि की शक्ति ने मुझे काम करने दिया और आलोचकों को अनजाने में ही सही, लेकिन उनकी विफलताओं को स्वीकार करने के लिए विवश कर दिया।