एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस ने सवाल किया है कि इस पर पीएम मोदी चुप क्यों हैं? क्यो न उनकी चुप्पी को सहमति मान लिया जाए? कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह सीधे तौर पर भाजपा और आरएसएस की दलित और आदिवासियों को कमजोर करने की साजिश है। कांग्रेस इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी।
बुधवार को कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया, अहमद पटेल, आनंद शर्मा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा, गरीब और दलित विरोधी चेहरा सामने आ गया है। मोदी सरकार के चलते देश में सबसे ज्यादा दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। जानबूझकर सरकारी पक्ष ने अदालत में सही पक्ष नहीं रखा जो सीधे तौर पर सरकार की मंशा को दर्शाता है। एससी-एसटी एक्ट खत्म करने की भाजपा और आरएसएस की साजिश है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हर 12 मिनट पर एक दलित पर अत्याचार हो रहा है। 40 हजार आठ सौ मुकदमें हुए हैं। सरकार के आंकड़े कहते हैं कि इस मामले में महज 25 फीसदी केस में ही सजा मिलती है। मोदी सरकार ने एसएसटी की सारी योजनाओं को खत्म कर दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा इस कानून को कमजोर करने की कोशिश कर रही है और इस पर फिर से विचार करने की जरूरत है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार के समर्थन से शोषण हो रहा है। एससी-एसटी एक्ट पर फैसला काफी अफसोसजनक है।
बता दें कि मंगलवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत अपराध में सुप्रीम कोर्ट ने दिए दिशा निर्देश दिए है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में अब कोई तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी। गिरफ्तारी से पहले आरोपों की जांच जरूरी है और गिरफ्तारी से पहले जमानत दी जा सकती है।